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Hindi News पैसा बिज़नेस Edible Oil Prices : सरसों, मूंगफली और सोयाबीन समेत कई तेलों की थोक कीमतों में आई गिरावट, जानिए लेटेस्ट प्राइस

Edible Oil Prices : सरसों, मूंगफली और सोयाबीन समेत कई तेलों की थोक कीमतों में आई गिरावट, जानिए लेटेस्ट प्राइस

मूंगफली सहित सूरजमुखी, सोयाबीन आदि फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे दाम पर बिक रही हैं, जिसकी वजह से मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन में गिरावट है।

खाद्य तेलों के भाव- India TV Paisa Image Source : FILE खाद्य तेलों के भाव

खरीफ तिलहन फसलों की आवक बढ़ने और कल रात शिकागो एक्सचेंज के कमजोर बंद होने के कारण देश के थोक तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सभी तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट रही। सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चे पामतेल (CPO) एवं पामोलीन व बिनौला तेल के दाम गिरावट के साथ बंद हुए। शिकागो एक्सचेंज कल रात 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता बंद हुआ था, जिसकी वजह से भी सभी तेल-तिलहन में गिरावट आई। बाजार सूत्रों ने कहा कि सहकारी संस्था नाफेड की बिकवाली के जारी रहने के साथ साथ किसानों द्वारा अपना माल निकालने से सरसों तेल-तिलहन में गिरावट है।

मूंगफली और सोयाबीन तेल में गिरावट

मूंगफली सहित सूरजमुखी, सोयाबीन आदि फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे दाम पर बिक रही हैं, जिसकी वजह से मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन में गिरावट है। कल रात शिकागो एक्सचेंज के कमजोर रहने के असर से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट है। गिरावट के आम रुख के अनुरूप बिनौला तेल के दाम भी टूट गये। सूत्रों ने कहा कि जो खाद्य तेल-तिलहन कारोबार के समीक्षक खाद्यतेलों के आयात शुल्क में वृद्धि के बाद खाद्यतेलों के मंहगा होने की आशंका जाहिर कर रहे थे, वह निर्मूल साबित हुई है। शुल्क वृद्धि किये जाने से पहले जो मूंगफली तेल का थोक भाव गुजरात में 146 रुपये लीटर था वह थोक भाव, शुल्क वृद्धि किये जाने के बाद अब घटकर 135 रुपये लीटर रह गया है। इसी प्रकार जो मूंगफली तेल का राजस्थान में थोक भाव पहले 130 रुपये लीटर था, वह अब घटकर 118 रुपये लीटर रह गया है। अब खुदरा में भाव अभी भी ऊंचा क्यों बिक रहा है, इसकी जवाबदेही सरकार को तय करनी होगी।

रिटेल में क्यों नहीं घट रहे दाम

समीक्षकों को इस विषय पर चिंता करनी चाहिये कि थोक दाम घटे तो खुदरा में दाम क्यों और कैसे नहीं घटने का नाम ले रहा है। सूत्रों ने कहा कि मंहगाई पर बेवजह हौव्वा बनाने से किसान हतोत्साहित होते हैं, क्योंकि उन्हें अपनी फसल के वाजिब दाम मिलना मुश्किल हो जाता है। सबसे बड़ी बात, इस तरह की चर्चा से तेल-तिलहन उद्योग की कारोबारी धारणा खराब होती है। जिसके परिणामस्वरूप अंतत: आयात पर निर्भरता बढ़ती ही चली जाती है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 6,400-6,450 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,300-6,575 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,800 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,115-2,215 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,115-2,230 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,650 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,600 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,950 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,200 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,325 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,275 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,650-4,695 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,350-4,585 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,200 रुपये प्रति क्विंटल।

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