नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विभिन्न क्षेत्रों की शीर्ष कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) से मुलाकात कर अगले साल के बजट के बारे में उनके सुझाव मांगे। प्रधानमंत्री ने बैंक, ढांचागत क्षेत्र, वाहन, दूरसंचार, उपभोक्ता उत्पाद, कपड़ा, नवीकरणीय ऊर्जा, होटल, स्वास्थ्य देखभाल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों से जुड़ी प्रमुख कंपनियों के सीईओ से आर्थिक गतिविधियों के बारे में चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में इंडिया इंक के प्रमुख सीईओ के साथ बातचीत की और बजट 2022 के लिए इनपुट प्राप्त किया है। बैठक में देश में इंडस्ट्री के लिए एक बेहतर माहौल देने पर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही कोरोना महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे फिर से जीवंत किया जाए इस पर भी चर्चा की गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कंपनियों के सीईओ के साथ प्रधानमंत्री की बैठक बजट-पूर्व तैयारियों का एक हिस्सा है। प्रधानमंत्री बजट के बारे में निजी क्षेत्र से सुझाव लेने के लिए लगातार कंपनियों के प्रतिनिधियों से बात की है। प्रधानमंत्री ने पिछले हफ्ते भी इक्विटी एवं उद्यम पूंजी निवेशकों के साथ एक बैठक की थी जिसमें भारत को निवेश के लिहाज से अधिक आकर्षक बनाने के बारे में चर्चा की गई थी।
पीएम ने सीईओ से बैठक में कहा कि देश में सरकार ऐसा माहौल देगी कि कंपनियां बेहतर दे सकें और दुनिया की टॉप-5 कंपनियों में भारतीय कंपनियां भी अपनी पहुंच बनाएं। पीएम की यह बातचीत बजट के पहले कॉरपोरेट के अनुभवों और इच्छाओं को जानने की पहल है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के सीईओ और एमडी राजेश गोपीनाथन ने बताया कि अनुसंधान, नवाचार पर उनका (PM) फोकस है। क्षमता में उनका विश्वास है कि भारत को और आगे बढ़ना है। उन्होंने एक बहुत स्पष्ट विजन रखा कि हर उद्योग में, हर क्षेत्र में शीर्ष 5 में हमें होना चाहिए, संभव हो तो नंबर 1 पर। उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व से इस तरह की बातें देश को वर्तमान सफलता से आगे बढ़ने के लिए उत्साहित करेंगी।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के प्रबंध निदेशक और सीईओ केनिची आयुकावा (Kenichi Ayukawa) ने कहा कि पीएम मोदी के पास ग्रैंड विजन है, कोई भी इन्वेस्टर यहां इन्वेस्ट कर सकता है।
बता दें कि, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट एक फरवरी 2022 को संसद में पेश किया जाएगा। वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही मोदी सरकार ने कई आर्थिक सुधार लागू किए हैं। फिलहाल इसका जोर विनिर्माण को बढ़ावा देने पर है। (इनपुट- भाषा)
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