PM मोदी अपने जन्मदिन पर इस राज्य की महिलाओं को देंगे 'सुभद्रा योजना' का स्पेशल गिफ्ट, मिलेंगे सालाना 10 हजार
सुभद्रा योजना लाने के लिए विधानसभा और संसद के चुनावों से पहले भाजपा ने वादा किया था। इस योजना ने ओडिशा में 24 साल के बीजद शासन को समाप्त कर दिया और राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 20 पर भाजपा को जीत दिलाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने 74वें जन्मदिन पर सुभद्रा योजना का शुभारंभ करेंगे। यह ओडिशा सरकार की योजना है जिसके तहत राज्य में 21 से 60 वर्ष की आयु की पात्र महिला लाभार्थियों को प्रति वर्ष 10,000 रुपये उनके खाते में जमा किए जाएंगे। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सरकार ने योजना के शुभारंभ के लिए भुवनेश्वर के जनता मैदान में राज्य भर से महिलाओं की एक विशाल सभा की योजना बनाई है। पंचायत और ब्लॉक स्तर पर पीएम के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की गई है। आइए जानते हैं कि यह स्कीम है क्या? इसमें पात्र महिलाओं का कैसे चयन किया जाएगा?
देवी सुभद्रा के नाम पर योजना का नाम
इस योजना का नाम देवी सुभद्रा के नाम पर रखा गया है, जो ओडिशा के इष्टदेव भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन हैं। भगवान जगन्नाथ, जो 90% हिंदू राज्य में अत्यधिक पूजनीय हैं, को हमेशा देवताओं की त्रयी के भाग के रूप में दर्शाया जाता है जिसमें सुभद्रा और उनके सबसे बड़े भाई बलभद्र शामिल हैं। 2028-29 तक पांच वर्षों में, इस योजना के तहत राज्य भर में 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को सालाना 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह हस्तांतरण राखी पूर्णिमा (रक्षा बंधन, जो आमतौर पर अगस्त में पड़ता है) और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर 5,000 रुपये की दो किस्तों में किया जाएगा।
आधार से जुड़े अकाउंट में पैसा जाएगा
पैसा सीधे लाभार्थी के आधार से जुड़े बैंक अकाउंट में जमा किया जाएगा। सरकार ने इस योजना के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है। लाभार्थियों को सुभद्रा डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्र में सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन करने वाले कुल 100 लाभार्थियों को 500 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
इन महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिलेगा
आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों की महिलाएं, सरकारी कर्मचारी और इनकम टैक्स देने वाली महिलाएं इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगी। किसी अन्य सरकारी योजना के तहत 1,500 रुपये या उससे अधिक प्रति माह (या 18,000 रुपये या उससे अधिक प्रति वर्ष) की सहायता प्राप्त करने वाली महिलाओं को भी इस योजना से बाहर रखा जाएगा।
कहां हो रहा रजिस्ट्रेशन
ओडिशा के बैंकों, डाकघरों और कॉमन सर्विस सेंटरों में इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन करने की कोई अंतिम तिथि नहीं है। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक सभी पात्र लाभार्थियों का पंजीकरण नहीं हो जाता।
योजना पर कितना होगा खर्च
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने 2024-25 से 2028-29 तक पांच वर्षों के लिए इस योजना के लिए 55,825 करोड़ रुपये का बजट रखा है। चालू (2024-25) वित्तीय वर्ष के लिए इस योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है।
भाजपा ने किया था वादा
सुभद्रा योजना लाने के लिए विधानसभा और संसद के चुनावों से पहले भाजपा ने वादा किया था। इस योजना ने ओडिशा में 24 साल के बीजद शासन को समाप्त कर दिया और राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 20 पर भाजपा को जीत दिलाई। महिलाएं, खासकर मिशन शक्ति के तहत संगठित लगभग 6 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों (WSHG) की 70 लाख सदस्य, 24 वर्षों तक बीजद की चुनावी सफलता के पीछे सबसे बड़ा कारक थीं। मिशन शक्ति को 2001 में महिलाओं को ऋण और बाजार संपर्क प्रदान करके सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया था, और इसने वर्षों से बीजद के लिए महिलाओं का एक प्रतिबद्ध वोट बैंक बनाने में कामयाबी हासिल की है।