पीएम मोदी ने कही बड़ी बात, भारत के विमान ऑर्डर से अमेरिका में पैदा होंगी 10 लाख से ज्यादा नौकरियां
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का डिफेंस सेक्टर अब दुनिया से कदमताल कर रहा है। इंडिया और अमेरिका एक साथ मिलकर हर स्तर पर काम कर रहे हैं।
India's Aircraft Order: व्हाइट हाउस ने पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान एक फैक्ट शीट जारी किया, जिसमें कहा गया कि 200 से अधिक बोइंग विमानों के लिए AI(अमेरिका और इंडिया) का ऑर्डर 44 राज्यों में दस लाख से अधिक अमेरिकी नौकरियों का समर्थन करेगा और नागरिक उड्डयन के आधुनिकीकरण में योगदान देगा। बोइंग और एयर इंडिया की मेगा डील एयरोस्पेस में एक नई क्रांति लाने का काम करेगी। इस डील के तहत टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन कुल 220 फर्म ऑर्डर के लिए 190 B737 MAX, 20 B787 और 10 B777X खरीदेगी, जिनकी कीमत सूची मूल्य पर 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर होगी। सौदे में अतिरिक्त 50 बोइंग 737 मैक्स और 20 बोइंग 787 के लिए ग्राहक विकल्प भी शामिल होंगे, सूची मूल्य पर कुल 45.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर में कुल 290 हवाई जहाज होंगे। प्रधानमंत्री मोदी के साथ ऐतिहासिक समझौते पर चर्चा करते हुए बिडेन ने कहा, वह भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को गहरा करने के लिए उत्सुक हैं।
एक साथ काम करेंगे अब दोनों देश
एक महत्वपूर्ण समझौते के तहत अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस ने भारतीय वायु सेना के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए)-एमके-2 तेजस के जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए बृहस्पतिवार को हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ समझौता किया। इस समझौते की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान हुई है। प्रधानमंत्री मोदी अभी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की यात्रा पर हैं। अमेरिकी कंपनी ने अपने बयान में कहा कि इस समझौते में जीई एरोस्पेस के एफ414 इंजन के भारत में संयुक्त उत्पादन की संभावना शामिल है और जीई एरोस्पेस अमेरिकी सरकार के साथ इस उद्देश्य के लिए जरूरी निर्यात प्राधिकार प्राप्त करने के वास्ते काम करना जारी रखेगा।
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग के लिहाज से महत्वपूर्ण समझौता
जीई एयरोस्पेस ने एचएएल के साथ समझौता ज्ञापन को भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में एक एक महत्वपूर्ण कारक बताया है। जीई एरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं जीई के अध्यक्ष एच लॉरेंस कल्प जूनियर ने कहा कि यह ऐतिहासिक समझौता भारत और एचएएल के साथ हमारे दीर्घकालिक गठजोड़ के कारण संभव हुआ है। यह समझौता जीई एरोस्पेस के भारतीय वायु सेना के एलसीए-एमके-2 कार्यक्रम के लिए 99 इंजन का निर्माण करने की पूर्व की प्रतिबद्धता को सुगम बनायेगा। बयान के अनुसार, यह (समझौता) कंपनी को भारत में कई तरह के उत्पाद सृजित करने के लिए मजबूत स्थिति में रखेगा जिसमें एफ404 इंजन शामिल है, जिसका अभी एलसीए एमके-1 और एलसीए एमके-1ए विमान में उपयोग किया जा रहा है। साथ ही हमारे एम414-आईएनएस-6 इंजन के साथ एएमसीए कार्यक्रम के लिए प्रारूप तैयार करने, परीक्षण और प्रमाणन करने में जीई एयरोस्पेस का चयन करना भी शामिल है।
भारत बनेगा आत्मनिर्भर
भारत अभी तक रूस और यूरोपीय गठजोड़ से सैन्य जेट प्राप्त करता रहा है। हाल में भारत ने फ्रांसिसी लड़ाकू विमान निर्माता देसां से भारतीय वायु सेना के लिए राफेल लड़ाकू विमान खरीदा था। वहीं, जीई एयरोस्पेस उन्नत मध्यम श्रेणी के लड़ाकू विमान (एएमसीए) के एमके-2 इंजन कार्यक्रम के लिए भारत सरकार से गठजोड़ जारी रखेगा। अमेरिकी कंपनी ने कहा, ‘‘ हमें दोनों देशों के बीच करीबी समन्वय के दृष्टिकोण के आगे बढ़ाने में बाइडन और मोदी द्वारा भूमिका निभाने पर गर्व है। हमारा एम-414 इंजन अतुलनीय है और यह दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा लाभ प्रदान करेगा। क्योंकि हम अपने उपभोक्ताओं के वास्ते उनकी सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए उच्च गुणवत्ता का इंजन तैयार करते हैं।