वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में रसद दक्षता में सुधार करके सालाना 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत करने की क्षमता है। वह प्रधानमंत्री गतिशक्ति पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे, जो यहां राष्ट्रीय मास्टर प्लान के रोल आउट की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की गई थी।
देश के प्रत्येक नागरिक को प्रौद्योगिकी का मिल रहा लाभ
इसने पीएम गतिशक्ति द्वारा अब तक की प्रगति और उपलब्धियों और आगे के रास्ते पर ध्यान केंद्रित किया। गोयल ने कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सामाजिक क्षेत्र में इसका तेजी से उपयोग किया जा रहा है, जिससे देश के प्रत्येक नागरिक को प्रौद्योगिकी का लाभ मिल रहा है और आम आदमी के लिए जीवन की सुगमता में सुधार हो रहा है।
मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी में सुधार की गुंजाइश
पीएम गतिशक्ति संबंधित मंत्रालयों और विभागों में एकीकृत और समग्र योजना के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है, जो मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और रसद दक्षता में सुधार करता है और लोगों और सामानों की निर्बाध आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण अंतराल को दूर करता है, जिसमें व्यवधानों को कम करने और कार्यो को समय पर पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
सभी देश भारत के साथ करना चाहते हैं व्यापार
विश्व के अधिकतर देश हमारे साथ अधिक से अधिक जुड़ना चाहते हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है- राजनीतिक स्थिरता, तकनीक और डिजाइन में उभरती शक्ति और विशाल उपभोक्ता बाजार। वे इसे एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं। एक मल्टीनेशनल कंपनी भारत में उद्योग स्थापित करना चाहती है जिसमें 2,00,000 से अधिक लोगों को काम पर रखा जाएगा। सरकार का इस समय फोकस सेमी कंडक्टर, अत्याधुनिक आर एंड डी और डिजाइन की ताकत पर है।
भारत को लेकर इतनी उम्मीद क्यों है?
इस सवाल के जवाब पर गोयल ने कहा कि जाहिर है, भारत की बढ़ती जीडीपी, जो सभी को अपनी ओर खींच रही है। विश्व व्यापार संगठन के दौर में भारत के कोविड प्रबंधन, वैक्सीन दक्षता को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
मैं कई देशों के मंत्रियों से मिला और उन्होंने भारत के पूरे इकोसिस्टम की प्रशंसा की, जिसे भारत ने कोविड के दौरान बनाया था। इसके अलावा भारत ने इस कठिन समय में किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को नहीं छोड़ा। यहां तक कि हमारी डब्ल्यूएफएच ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और इसकी बढ़ी हुई ताकत की भी विश्व के देशों के तरफ से सराहना की गई। प्रधानमंत्री का सपना भारत को एक विकसित राष्ट्र के रुप में देखने की है।
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