PLI Scheme: सरकार चमड़े, साइकिल, वैक्सीन सामग्री और कुछ दूरसंचार उत्पादों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 35,000 करोड़ रुपये की उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का विस्तार करने के प्रस्तावों पर विचार कर रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसका मकसद घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और रोजगार के मौके तैयार करना है। इसके तहत पीएलआई योजना के लाभ खिलौनों, कुछ रसायनों और शिपिंग कंटेनरों को देने पर भी विचार चल रहा है। अधिकारी ने कहा, ''यह प्रस्ताव चर्चा के चरण में हैं। इन सभी अलग-अलग क्षेत्रों में पीएलआई के लाभों का विस्तार करने के लिए मंत्रालयों के बीच बातचीत चल रही है।''
उद्योग जगत ने विस्तार की मांग की
उन्होंने कहा कि उद्योग जगत तथा कुछ विभागों ने इस योजना के विस्तार की मांग की है। सरकार ने ऑटोमोबाइल और वाहन कलपुर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, दवा, कपड़ा, खाद्य उत्पाद, सोलर पीवी मॉड्यूल, एडवांस केमिस्ट्री सेल और विशेष इस्पात सहित 14 क्षेत्रों के लिए लगभग दो लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना को मंजूरी दी हुई है। अधिकारी ने कहा कि इस दो लाख करोड़ रुपये के कोष से कुछ राशि बची हुई है लिहाजा अन्य क्षेत्रों को शामिल करने पर विचार किया जा सकता है, और इस पर चर्चा चल रही है। इस योजना का मकसद घरेलू विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और विनिर्माण में अग्रणी बनना है।
फार्मा पैकेजिंग से जुड़ी कंपनियों को भी मिले पीएलआई
फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने प्रोत्साहन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के दायरे में ब्रांडेड औषधीय उत्पाद विनिर्माताओं के अलावा दवाओं की पैकेजिंग सामग्री बनाने वाली एवं अन्य सेवाएं देने वाली कंपनियों पर भी ध्यान देने का अनुरोध किया है। भारत बायोटेक के कार्यकारी निदेशक साई प्रसाद ने कहा कि फार्मा क्षेत्र में आयातित कच्चे माल पर निर्भरता कम करने के लिए पैकेजिंग सामग्री विनिर्माताओं का भी पीएलआई योजना के तहत खास ध्यान रखने की मांग की। इसके अलावा प्रसाद ने औषधि क्षेत्र की कंपनियों का मार्जिन बढ़ाने के लिए उन्हें मिलने वाले ऑर्डर में नवाचारी फार्मा उत्पादों पर अधिक ध्यान देने का अनुरोध भी सरकार से किया। प्रसाद ने कहा, ‘‘हमारे पास पहले से ही फार्मा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना एवं शोध-आधारित योजना जैसी नीतियां मौजूद हैं। ये नीतियां इस क्षेत्र के लिए काफी मददगार होने वाली हैं। हमारी नजर में इन नीतियों में उन कंपनियों पर भी ध्यान देना चाहिए जो फार्मा उद्योग को उत्पादों एवं सेवाओं की आपूर्ति करती हैं।’’ उन्होंने कहा कि एकल उपयोग वाली उपभोक्ता कंपनियों, कच्चा माल पैकेजिंग फर्मों और फार्मा आपूर्ति शृंखला में शामिल सेवा प्रदाताओं को भी सरकार की तरफ से प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
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