दुनिया की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल द्वारा भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाए जाने के कारण अगले एक से दो साल में 5 से 6 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे। एप्पल भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग को तेजी से बढ़ा रहा है। सरकार द्वारा भारत में मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम चलाई जा रही है। इसके कारण देश से आईफोन का निर्यात भी बढ़कर एक अरब डॉलर प्रति महीने पहुंच चुका है। इंडस्ट्री के सूत्रों ने बताया कि मौजूदा समय में एप्पल इकोसिस्टम में 2 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है। इसकी इकोसिस्टम में वेंडर्स, उपकरण आपूर्तिकर्ता आदि शामिल हैं।
फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन भी पीछे नहीं
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, जो कि एप्पल के लिए दो प्लांट चलाता है, वह एप्पल इकोसिस्टम में सबसे अधिक रोजगार पैदा करती है। इसके अलावा फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन भी रोजगार पैदा करने में अहम भूमिका निभा रही है। मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग ने देश में पिछले 10 वर्षों में रोजगार पैदा करने में अहम भूमिका निभाई है। सरकार का उद्देश्य देश को मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का वैश्विक हब बनाना है। सरकार के मुताबिक, एप्पल इकोसिस्टम में 2 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है और इसमें अच्छी बढ़त देखी जा रही है।
10,000 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर नौकरी
देशभर में आईफोन फैक्टरियों की ओर से इस त्योहारी सीजन में 10,000 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर नौकरी दी जाएगी। एप्पल का जोर भारत में निवेश बढ़ाने पर भी है। कंपनी आईफोन के कैमरा मॉड्यूल के उपकरण बनाने के लिए टाटा ग्रुप की कंपनी टाइटन और मुरुगप्पा ग्रुप से बातचीत कर रहा है। एप्पल का लक्ष्य भारत में सालाना आधार पर 5 करोड़ से ज्यादा आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग करना है। साथ ही चीन से बाहर प्रोडक्शन को शिफ्ट करना है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से आईफोन निर्यात बढ़कर 12.1 अरब डॉलर हो गया है, जो कि 2022-23 में 6.27 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2023-24 में एप्पल इंडिया के ऑपरेशन की वैल्यू बढ़कर 23.5 अरब डॉलर हो गई थी।
इनपुट: आईएएनएस
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