भारत सरकार की ओर से घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही प्रोडक्ट लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत एचपी, लेनोवो और डेल समेत 27 कंपनियों को मंजूरी दे गई है। इसके बाद सरकार द्वारा आईटी हार्डवेयर के लिए लाई गई 17 हजार करोड़ की पीएलआई स्कीम का लाभ इन कंपनियों को मिलेगा। आईटी हार्डवेयर में पीएलआई के लिए सरकार को कुल 40 प्रस्ताव मिले थे। ये जानकारी केंद्रीय आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव द्वारा दी गई।
3000 करोड़ का होगा निवेश
आईटी हार्डवेयर में पीएलआई का लाभ पाने वाली कंपनियां भारत में लैपटॉप, पीसी और सर्वर जैसे उपकरण बनाएंगी। इसके लिए कुल मिलाकर 3,000 करोड़ रुपये का निवेश सभी कंपनियों द्वारा किया जाएगा। वैष्णव की ओर से कहा गया कि 27 में से 23 कंपनियों तत्काल प्रभाव से भारत में मैन्यूफैक्चरिंग शुरू कर देंगी और बाकी की चार कंपनियों द्वारा 90 दिनों के अंदर प्रोडक्शन शुरू किया जाएगा। अगले छह वर्षों में इस पीएलआई स्कीम के तहत 3.5 लाख करोड़ के प्रोडक्ट मैन्यूफैक्चरिंग और बिकने की संभावना है।
2 लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार
सरकार को उम्मीद है कि कंपनियों की ओर से निवेश करने के बाद करीब 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 1,50,000 लोगों अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। बता दें, पीएलआई स्कीम के दूसरे फेस को इस मई में नोटिफाई किया गया था। इसके लिए 17,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था, जो कि पहले फेस से दोगुना से भी ज्यादा था। इसमें पहले के मुकाबले कहीं अधिक इन्सेंटिव कंपनियों को ऑफर किए गए थे।
बता दें, आईटी हार्डवेयर में पीएलआई का पहला फेस काफी ज्यादा सफल नहीं हुआ था। सरकार को इसमें 2500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इसमें मात्र 120 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव ही मिले थे। इसके कुछ समय बाद सरकार ने दूसरा फेस शुरू कर दिया, जिसमें करीब 58 कंपनियों से निवेश प्रस्ताव मिले थे। सरकार द्वारा इसे लेकर अगस्त में कहा गया था कि 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आईटी हार्डवेयर में पीएलआई के दूसरे फेस में मिले हैं।
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