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Hindi News पैसा बिज़नेस फोन पे को भारत में चुकाना पड़ा 8,000 करोड़ रुपये का टैक्स, कंपनी को हुआ भारी नुकसान

फोन पे को भारत में चुकाना पड़ा 8,000 करोड़ रुपये का टैक्स, कंपनी को हुआ भारी नुकसान

भारत वापस आने की इजाजत पाने के लिए कंपनी के निवेशकों को करीब 8,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा है। कंपनी इसके चलते भारी नुकसान में चली गई है। सीईओ ने इसको लेकर जानकारी दी है।

PhonePe had to pay tax of Rs 8,000 crore in India - India TV Paisa Image Source : FILE फोन पे को भारत में चुकाना पड़ा 8,000 करोड़ रुपये टैक्स

PhonePe Pay Tax: भारत कारोबार के हिसाब से देखा जाए तो एक बहुत बड़ा बाजार है। दुनियाभर की कंपनियां हमारे यहां आकर बिजनेस करना चाहती हैं, लेकिन जब उन्हें सरकार के बनाए गए नियम को फॉलो करने के लिए कहा जाता है तो तरह-तरह की कहानियां सुनाने लगती हैं। इस बार यही हाल फोन पे का हुआ है। फोन पे भारत में कारोबार करने के चलते आज देश की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनी में से एक बन गई, लेकिन जब टैक्स चुकाने की बारी आई तो वह खुद को घाटे में बताने लगी। दरअसल, फोनपे ने बुधवार को कहा कि भारत को फिर से अपना ठिकाना बनाने के लिए उसे 8,000 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान करना पड़ा है। कंपनी ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि उसे 7,300 करोड़ रुपये का संचित घाटा हो सकता है, हालांकि इसकी भरपाई भविष्य में होने वाले लाभ से हो जाएगी। दस अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली इस कंपनी ने कहा कि कारोबारों के यहां अधिवास(Domicile) स्थापित करने से संबंधित स्थानीय कानून प्रगतिशील नहीं हैं। 

सीईओ समीर निगम ने दी जानकारी

फोनपे के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर निगम ने एक ऑनलाइन सत्र के दौरान कहा कि कंपनी के अधिवास(Domicile) से संबंधित मौजूदा कानून की वजह से कर्मचारियों को ‘एम्प्लॉई स्टॉक ओनरशिप प्लान (ईएसओपी)’ के तहत मिले सारे प्रोत्साहन से हाथ धोना पड़ा है। कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य तकनीकी अधिकारी राहुल चारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे। यदि आप भारत को अपना अधिवास बनाना चाहते हैं तो नए सिरे से बाजार मूल्यांकन करना होगा और कर अदा करना होगा। 

भारत वापस आना पड़ा भारी

भारत वापस आने की इजाजत पाने के लिए हमारे निवेशकों को करीब 8,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा है। यदि कोई कारोबार पूरी तरह से परिपक्व नहीं हुआ है तो यह उसके लिए एक बहुत बड़ा झटका है। फोनपे इस झटके को इसलिए झेल पाई क्योंकि उसके पास वॉलमार्ट और टेनसेंट जैसे दीर्घकालिक निवेशक हैं। बता दें, फोनपे अक्टूबर 2022 में वापस भारत आई थी। 

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