आजकल देश के विभिन्न शहरों में अजब सी हलचल दिखाई दे रही है। पहले शहर के कुछ व्हाट्सएप ग्रुप में पेट्रोल डीजल खत्म होने की अफवाहें फैलती हैं और फिर देर रात शहर के पेट्रोल पंप पर कारों और स्कूटर मोटरसाइकिलों की कतारें लग जाती हैं। लोग बिना जरूरत के टंकी फुल करवाने लगते हैं।
हाल ही में ऐसी घटना अहमदाबाद से सामने आई। यहां शनिवार रात को सोशल मीडिया पर अचानक यह अफवाह फैलने लगी कि पेट्रोल पंप हड़ताल पर जा रहे हैं। इसके साथ ही कुछ जगह ये अफवाह फैली कि सऊदी अरब ने भारत को क्रूड की सप्लाई बंद कर दी है। फिर क्या था, देखते ही देखते शहर के कई पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल भरवाने के लिए लोगों की लंबी कतार लग गई। देश के कुछ अन्य शहरों से भी इसी प्रकार की अफवाह सामने आने के बाद अब खुद इंडियन ऑयल सामने आया है।
IOCL के डायरेक्टर (मार्केटिंग) ने मंगलवार को ट्वीट कर स्थिति को साफ करते हुए कहा है कि देश में पेट्रोल की कोई कमी नहीं है। उन्होंने ट्वीट में हरदीप सिंह पुरी और आईओसीएल के चेयरमैन को भी टैग किया है।
इंडियन ऑयल के डायरेक्टर ने अपने ट्वीट में लिखा है-
प्रिय ग्राहकों, हम आपको सुनिश्चित करते हैं कि हमारे सभी रिटेल स्टोर्स में प्रोडक्ट की उपलब्धता पूरी तरह से सामान्य है। हमारे पास पर्याप्त प्रोडक्ट मौजूद है। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि परेशान ना हों। इंडियन ऑयल हर वक्त आपकी सेवा के लिए हाजिर है।
कहां कहां मची भगदड़
पेट्रोल खत्म होने की अफवाह बीते सप्ताहांत से फैलनी शुरू हुई। इसकी शुरुआत अहमदाबाद से हुई, इसके बाद तो अफवाहों की कतारें लग गईं। व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के बाद सोमवार को देहरादून और उत्तर प्रदेश के हरदोई में अचानक पेट्रोल पंप पर कतारें देखी गई। कई जगह तो अचानक इतनी मांग बढ़ गई कि पेट्रोल पंप को बंद भी करना पड़ गया।
भारत के पास हैं पर्याप्त रिजर्व
मौजूदा स्थिति को देखा जाए तो भारत के पास अपनी इमर्जेंसी जरूरतों के लिए पर्याप्त तेल के भंडार हैं। आपातकालीन भंडार के रूप में देश के पूर्वी और पश्चिमी समुद्र तटों पर तीन जगहों पर 3.8 करोड़ बैरल कच्चा तेल रखा है। आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में 13.3 लाख टन, कर्नाटक के मंगलुरु में 15 लाख टन और पादुर में 25 लाख टन कच्चा तेल स्टोर कर के रखा है। युद्ध या किसी और वजह से कच्चे तेल की सप्लाई प्रभावित होने पर इन रिजर्व में से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जाता है। इमरजेंसी के अलावा इन रिजर्व का इस्तेमाल तेल की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है।
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