मंदी की आशंका ने सबसे अधिक रोजगार को प्रभावित किया है। पिछले 3-4 महीने से लगातार बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने यहां से लोगों को निकाल रही हैं। भारत में भी ऐसा ही कुछ हाल देखा जा रहा है। आज ही विप्रो ने 800 लोगों की छंटनी की है। इन सब के बीच ईपीएफओ की ये रिपोर्ट राहत की खबर लेकर आई है।
16.26 लाख नए सदस्य
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नवंबर 2022 में शुद्ध आधार पर 16.26 लाख सदस्य जोड़े। श्रम मंत्रालय ने बताया कि यह आंकड़ा एक साल पहले इसी माह की तुलना में 16.5 प्रतिशत अधिक है। यह बताता है कि संगठित क्षेत्र में नौकरियां बढ़ी हैं। मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी ईपीएफओ के अस्थाई पेरोल यानी नियमित वेतन पर रखे जाने वाले लोगों के आंकड़ों में बताया गया है कि ईपीएफओ ने नवंबर 2022 में शुद्ध रूप से 16.26 लाख सदस्य जोड़े हैं।
अक्टूबर 2022 के मुकाबले 25.67 अधिक
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये आंकड़े अक्टूबर 2022 के मुकाबले 25.67 अधिक है। नवंबर में जोड़े गए कुल 16.26 लाख सदस्यों में लगभग 8.99 लाख सदस्य पहली बार ईपीएफओ से जुड़े हैं। इससे पता चलता है कि ईपीएफओ में शामिल होने वाले नए सदस्यों की संख्या अक्टूबर 2022 के 7.28 लाख के मुकाबले 1.71 लाख बढ़ गई। नए सदस्यों में सबसे अधिक 2.77 लाख 18-21 वर्ष के आयु-समूह के हैं। इसके बाद 2.32 लाख सदस्य 22-25 वर्ष के आयु-वर्ग के हैं।
18-25 वर्ष के लोगों की संख्या अधिक
समीक्षाधीन माह में कुल नए सदस्यों का 56.60 प्रतिशत हिस्सा आयु समूह 18-25 वर्ष का है। इससे पता चलता है कि पहली बार नौकरी चाहने वाले बड़े पैमाने पर देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक लगभग 11.21 लाख सदस्य ईपीएफओ के साथ फिर से जुड़े।
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