भारतीय स्टार्टअप के सामने पैसों की भारी तंगी, प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल इनवेस्टमेंट 44% घटा
देश में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फंड के निवेश में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले साल के मुकाबले आने वाला निवेश लगभग आधा हो गया है
भारतीय स्टार्टअप सेक्टर इस समय नए निवेश की तंगी से जूझ रहा है। नया निवेश आ नहीं रहा है, वहीं मौजूदा निवेशक भी वैल्युएशन से समझौता करने के बाद ही निवेश का वादा कर रहे हैं। एक ताजा रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसके तहत देश में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फंड के निवेश में गिरावट का सिलसिला मई में भी जारी रहा। कुल मिलाकर निवेश मूल्य करीब 44 प्रतिशत घटकर 3.5 अरब डॉलर रहा।
उद्योग के लिये जनसंपर्क का काम करने वाली आईवीसीए और परामर्श कंपनी ईवाई ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फंड का निवेश पिछले साल मई में 6.2 अरब डॉलर तथा अप्रैल 2023 में 7.4 अरब डॉलर था। इस दौरान प्राइवेट इक्विटी में 44 प्रतिशत की और वेंचर कैपिटल में 52 प्रतिशत की कमी आई है।
हेल्थ और फाइनेंस सेक्टर में आया निवेश
ईवाई के भागीदार विवेक सोनी ने कहा, ‘‘तकनीकी क्षेत्र से जुड़े सूचकांकों और कुछ बड़ी वैश्विक तकनीकी कंपनियों में रिस्ट्रक्चरिंग देखने के बावजूद इस क्षेत्र में निवेश को लेकर देश में धारणा कमजोर रही है। भारतीय स्टार्टअप धन जुटाने के मामले में सुस्त रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि केवल स्वास्थ्य और वित्तीय सेवाओं में कुछ निवेश देखने को मिला। हालांकि, मध्यम से दीर्घावधि में परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है और इस साल कुल निवेश पिछले साल के आंकड़े को पार कर जाएगा।
रियल एस्टेट रहा पसंदीदा क्षेत्र
रिपोर्ट के अनुसार, मात्रा के हिसाब से कुल सौदों की संख्या 71 रही। यह पिछले साल के मुकाबले 42 प्रतिशत कम है। निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी कोष के लिये इस साल मई में रियल एस्टेट पसंदीदा क्षेत्र रहा। इस क्षेत्र में कुल सात सौदों के जरिये 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया गया। मई, 2012 में 12 सौदों के माध्यम से 1.1 अरब डॉलर का निवेश हुआ था। प्रौद्योगिकी क्षेत्र दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र रहा। इसमें कुल 15 सौदों के माध्यम से 86.4 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ। यह मई, 2022 के मुकाबले 159 प्रतिशत ज्यादा है। विभिन्न कोषों ने आलोच्य महीने में 2.2 अरब डॉलर जुटाए जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 74.5 करोड़ डॉलर था।