डिजिटल वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम की संचालक वन97 कम्युनिकेशंस का एकीकृत शुद्ध घाटा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बढ़कर 593.9 करोड़ रुपये हो गया। पेटीएम ने सोमवार को शेयर बाजार को भेजी सूचना में यह जानकारी दी। हालांकि, कंपनी के घाटे में कमी आई है। भारत की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनी को जून तिमाही में 644.4 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इससे पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसका शुद्ध घाटा 481 करोड़ रुपये था। पेटीएम की वित्त वर्ष 2022-23 की सितंबर तिमाही में एकीकृत परिचालन आय (रेवेन्यू) 76 प्रतिशत बढ़कर 1,914 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 1,086.4 करोड़ रुपये थी।
रेवेन्यू में बढ़ोतरी अच्छे संकेत
कंपनी ने कहा कि रेवेन्यू मर्चेंट सब्सक्रिप्शन में वृद्धि, बढ़ते एमटीयू के कारण बिल भुगतान में वृद्धि और हमारे मंच के माध्यम से ऋण के वितरण में वृद्धि से हुआ है। यह अच्छे संकेत है। वहीं,वित्तीय सेवाओं और अन्य व्यवसाय में रेवेन्यू 349 करोड़ रुपये रहा जो कि 293% YoY वृद्धि को दर्शता है।
ऋण वितरण में आई थी तेजी
इससे पहले पेटीएम ने बताया था कि उसके ऋण वितरण की वार्षिक दर सितंबर में 17 प्रतिशत बढ़कर 34,000 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी पेटीएम ब्रांड नाम के तहत कारोबार करती है। कंपनी ने बताया कि अगस्त 2022 में उसके ऋण वितरण की वार्षिक दर 29,000 करोड़ रुपये थी। सितंबर तिमाही में पेटीएम द्वारा वितरित ऋणों की कुल संख्या बढ़कर लगभग 92 लाख हो गई, जो एक साल पहले 28.41 लाख थी। समीक्षाधीन तिमाही में पेटीएम द्वारा बांटे गए कुल ऋण की मात्रा बढ़कर 7,313 करोड़ रुपये हो गई, जो सितंबर 2021 तिमाही के 1,257 करोड़ रुपये की तुलना में छह गुना है।
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