अब इंश्योरेंस पर उल्टे देना पड़ेगा टैक्स, बजट की इस घोषणा के सामने आते ही उड़ गए होश
बजट के बाद इंश्योरेंस कंपनियों के शेयर कल भरभरा कर गिर गए। लगभग सभी इंश्योरेंस कंपनियों के शेयर में 10 फीसदी तक गिरावट आई।
अभी तक आम भारतीय अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए तो बीमा पॉलिसी खरीदता ही था, इसके साथ ही बीमा खरीदने पर उसे टैक्स सेविंग का लाभ भी मिलता था। बीमा प्रीमियम पर टैक्स लाभ के साथ ही बीमा की मैच्योरिटी क्लेम पर भी टैक्स की राहत मिलती थी। लेकिन इस बार के बजट ने आम लोगों को इतना बड़ा झटका दिया है कि बीमा पॉलिसी लेने वालों के होश ही उड़ गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश बजट में बीमा पॉलिसीज की मैच्योरिटी राशि पर टैक्स लगा लगेगा।
बजट की घोषणा करते हुए निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि ऐसी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी जो एक अप्रैल 2023 के बाद होंगी, उन पॉलिसीज की मैच्योरिटी पर टैक्स देना होगा। यहां उन पॉलिसी पर टैक्स देना होगा जिनका सालाना प्रीमियम पांच लाख रुपये से ज्यादा है। हालांकि इस दायरे में यूलिप (यूनिट-लिंक्ड बीमा पॉलिसीज) शामिल नहीं की गई हैं। यहां ध्यान रखने योग्य बात यह है कि यह टैक्स मैच्योरिटी लाभ पर ही लगेगा। यदि किसी बीमित व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उस स्थिति में डेथ क्लेम में प्राप्त होने वाली रकम पर मौजूदा टैक्स छूट की व्यवस्था बरकरार रहेगी।
पुराने पॉलिसी धारक इस झंझट से मुक्त
बजट में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है कि जो पुराने पॉलिसी धारक हैं उन्हें मैच्योरिटी बेनेफिट पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन यदि कोई व्यक्ति नए वित्त वर्ष यानि 1 अप्रैल 2023 के बाद पॉलिसी खरीदता है और उसका प्रीमियम 5 लाख से अधिक है तो फिर उसे टैक्स अदा करना होगा।
बजट के बाद टूटे बीमा कंपनियों के शेयर
बजट के बाद इंश्योरेंस कंपनियों के शेयर कल भरभरा कर गिर गए। लगभग सभी इंश्योरेंस कंपनियों के शेयर में 10 फीसदी तक गिरावट आई। इसके अलावा नई टैक्स रिजीम पर जोर देने और पुरानी बचत और बीमा योजनाओं की अनदेखी करना भी बाजार को रास नहीं आया और शेयर बाजारा में इंश्योरेंस टूट गए।