Pak eco crisis: नकदी संकट और अस्थिर अर्थव्यवस्था समेत कई आर्थिक चुनातियों का सामना कर रहा पाकिस्तान देश के बड़े उद्योगों पर 10 प्रतिशत की दर से ‘सुपर टैक्स’ लगाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को सीमेंट, इस्पात और वाहन जैसे उद्योगों पर दस प्रतिशत की दर से कर लगाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कदम से देश को लगातार बढ़ रही मुद्रास्फीति और नकदी संकट का सामना करने में मदद मिलेगी। शरीफ ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट पर अपनी आर्थिक टीम के साथ बैठक के बाद यह कर लगाने की घोषणा की।
अमीरों को देना होगा रिच टैक्स
उन्होंने कहा कि सुपर टैक्स व्यवस्था लागू होने से देश के उच्च आय वाले व्यक्ति भी ‘गरीबी उन्मूलन कर’ के दायरे में आ जाएंगे। शहबाज ने कहा कि 15 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय वाले व्यक्तियों पर एक प्रतिशत कर लगेगा। वहीं, 20 करोड़ की आय पर दो प्रतिशत, 25 करोड़ रुपये की आमदनी पर तीन प्रतिशत और 30 करोड़ की रुपये की आय पर चार प्रतिशत का कर लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने देश के नाम जारी एक वीडियो संदेश में कहा, हमारा पहला उद्देश्य जनता को राहत देने के साथ लोगों पर महंगाई का बोझ कम करना और उन्हें सुविधा देना है।
दिवालिया होने के कागार पर पाकिस्तान
उन्होंने कहा, हमारा दूसरा मकसद देश को ‘दिवालिया’ होने से बचाना है। देश इमरान खान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की ‘अक्षमता और भ्रष्टाचार’ के कारण तबाह हो गया है।’’ उन्होंने बताया कि सीमेंट, इस्पात, चीनी, तेल और गैस, उर्वरक, एलएनजी टर्मिनल, कपड़ा, बैंकिंग, वाहन, सिगरेट, पेय और रसायन जैसे बड़े उद्योगों पर सुपर टैक्स लगाया जाएगा।
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