कंगाल पाकिस्तान में हाहाकार, गर्त में पहुंचा रुपया, पुराने दोस्तों ने भी छोड़ा साथ
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था और दो मार्च को यह 285.09 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
पाकिस्तान के आर्थिक हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है। वहीं पाकिस्तानी रुपये की कीमत लगातार गिरती जा रही है। मंगलवार को पाकिस्तान की करेंसी ने अपना सर्वकालिक न्यूनतम स्तर छुआ है। वहीं आईएमएफ से मदद का इंतजार कर रहे इस देश को अपने पुराने दोस्तों जैसे साउदी अरब और यूएई का भी साथ नहीं मिल रहा है। हाल ही में साउदी ने पाकिस्तान द्वारा लगाई गई मदद की गुहार को ठुकरा दिया है।
287 रुपये से भी नीचे गिरी करेंसी
पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मंगलवार को रिकॉर्ड निचले स्तर 287.29 पर आ गया। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नकदी संकट से जूझ रहा देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का वित्तपोषण हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जबकि घटता विदेशी मुद्रा भंडार निवेशकों के लिए चिंता का एक अन्य कारण बन गया है। ‘जियो न्यूज’ ने बताया कि अंतरबैंक बाजार में स्थानीय मुद्रा, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सोमवार के बंद भाव 285.04 से 0.78 प्रतिशत या 2.25 रुपये घटकर 287.29 पर बंद हुई।
आयातकों में घबराहट
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था और दो मार्च को यह 285.09 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, वित्तीय आयातकों ने अमेरिकी डॉलर की घबराहटपूर्ण लिवाली फिर शुरू कर दी है, जबकि अंतरबैंक बाजार में विदेशी मुद्रा की आपूर्ति कम रही।
अटकी आईएमएफ की मदद
कर और ऊर्जा की दरें बढ़ाने और आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने के लिए मुद्रा को अवमूल्यन करने की अनुमति देने के महीनों बाद पाकिस्तान का ऋण कार्यक्रम अभी तक अमल में नहीं आया है। पाकिस्तान अपने पुनरुद्धार को शुरू करने के लिए कई बार समयसीमा से चूका है। नकदी संकट से जूझ रहे इस देश ने 2019 में आईएमएफ से छह अरब हासिल किए थे। विनाशकारी बाढ़ के बाद देश की मदद के लिए पिछले साल एक अरब डॉलर और दिए गए लेकिन उसके बाद राजकोषीय मजबूती की दिशा में अधिक प्रगति करने में पाकिस्तान की विफलता के कारण आईएमएफ ने नवंबर में इस वितरण को निलंबित कर दिया। महीनों की निष्फल वार्ता के बाद, वाशिंगटन स्थित इस ऋणदाता संस्था ने पाकिस्तान से सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से नए ऋणों के लिए प्रतिबद्धताओं की तलाश करने के लिए कहा है।