कराची। पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश के प्रधानमंत्री रोजाना की जरूरतों को पूरा करने के लिए आईएमएफ से लेकर खाड़ी देशों के दरवाजे खटखटा रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान के ही एक वरिष्ठ अधिकारी ने ऐसा दावा कर दिया है कि जिससे अब इमरान को मुंह दिखाते नहीं बन रहा है।
पाकिस्तान के संघीय राजस्व बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शब्बर जैदी ने कहा है कि उनका देश ‘दिवालिया’ हो चुका है और ‘भ्रम में रहने’ से बेहतर है कि वास्तविकता को पहचाना जाए। जैदी 10 मई 2019 से छह जनवरी 2020 तक शीर्ष कर प्राधिकरण के अध्यक्ष थे। उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) परियोजना में पारदर्शिता की वकालत करते हुए कहा कि वह खुद अभी तक पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं कि सीपीईसी क्या है।
उन्होंने बुधवार को यहां हमदर्द विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार में हर कोई कह रहा है कि सब कुछ अच्छा है, जबकि उनके विचार में इस समय पाकिस्तान दिवालिया है।
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान
पाकिस्तानी अखबार द न्यूज इंटरनैशनल की रिपोर्ट के मुताबिक देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इमरान सरकार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले दो साल के अंदर 51.6 अरब डॉलर की विदेशी वित्तीय सहायता चाहिए। अखबार ने कहा कि साल 2021-22 में पाकिस्तान को 23.6 अरब डॉलर और वर्ष 2022-23 में 28 अरब डॉलर की जरूरत होगी।
चालू खाता घाटा बढ़कर 1.6 अरब डॉलर
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने बीते महीने जो आंकड़े जारी किए हैं, उससे पूरे देश की चिंता बढ़ गई है। वहीं, इमरान खान लगातार विश्व बैंक और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड से कर्ज लेते जा रहे हैं। 31 दिसंबर, 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान पर कुल 115.756 अरब डॉलर का कर्ज था। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने अपनी नई रिपोर्ट में बताया है कि इस वर्ष अक्टूबर में पाकिस्तान का चालू खाता घाटा बढ़कर 1.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह आंकड़ा सितंबर की तुलना में काफी अधिक है। इसे पाकिस्तान की जीडीपी का 4.7 फीसदी बताया जा रहा है।
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