एक-एक पैसे को मोहताज पड़ोसी देश पाकिस्तान ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बीते बुधवार को पेश बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए अलॉटमेंट 15 प्रतिशत बढ़ाकर 2,122 अरब रुपये कर दिया है। यह पिछले वित्त वर्ष के रक्षा बजट की तुलना में उल्लेखनीय बढ़ोतरी है। भाषा की खबर के मुताबिक, कर्ज संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब वह देश की बाहरी देनदारियों को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से नया ऋण पाने का प्रयास कर रहा है।
बीते साल 1,804 अरब रुपये था रक्षा बजट
खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में अगले वित्त वर्ष का बजट पेश किया। 8 फरवरी को हुए आम चुनाव के बाद सत्ता में आई पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) गठबंधन सरकार का यह पहला बजट है। पिछले साल सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए 1,804 अरब रुपये अलॉट किए थे। यह आंकड़ा उससे पहले के साल के 1,523 अरब रुपये से अधिक था।
जीडीपी लक्ष्य से चूक गया पाकिस्तान
औरंगजेब ने कहा कि सरकार ने जुलाई 2024-जून 2025 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा है। यह वित्त वर्ष 2023-24 के 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक है। हालांकि, पाकिस्तान इस लक्ष्य से चूक गया है और उसकी वृद्धि दर केवल 2.38 प्रतिशत रही है। उन्होंने कहा कि बजट की कुल राशि 18,877 अरब रुपये होगी और इसमें रक्षा खर्च के लिए 2,122 अरब रुपये के अलॉटमेंट का प्रस्ताव है।
यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 14.98 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य 12 प्रतिशत होगा जबकि बजट घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 6.9 प्रतिशत रखा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स कलेक्शन का टारगेट 12,970 अरब रुपये होगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 38 प्रतिशत अधिक है।
पाकिस्तान पर विदेशी कर्जे
पाकिस्तान पर भारी-भरकम विदेशी कर्ज है। डॉन की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान का सार्वजनिक ऋण - घरेलू और विदेशी दोनों - हाल के वर्षों में बहुत तेजी से बढ़कर 67.5 ट्रिलियन रुपये हो गया है, जो बढ़ते बजट घाटे को पूरा करने के लिए सरकारी उधारी की जरूरत पर निर्भर है। मार्च के लिए पाकिस्तान के स्टेट बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि सार्वजनिक ऋण पाकिस्तान के आर्थिक उत्पादन का लगभग तीन चौथाई है और लगभग 81 ट्रिलियन रुपये के कुल राष्ट्रीय ऋण का 83 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है।
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