इस्लामाबाद। यूक्रेन-रूस संघर्ष के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है। भारत जैसी मजबूत अर्थव्यवस्था भी महंगे कच्चे तेल से परेशान है। वहीं श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी कमजोर अर्थव्यवस्थाएं इस झटके से गंभीर आर्थिक संकट की खाई में गिरने जा रही हैं।
श्रीलंका की खस्ताहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है, वहीं भारी विदेशी कर्ज के तले दबा पाकिस्तान भी ध्वस्त होने की कगार पर है। पाकिस्तान की बरबादी की उलटी गिनती भी शुरू हो गई है। कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से पाकिस्तान पेट्रोलियम उत्पादों की गंभीर कमी से जूझ रहा है । पाकिस्तानी मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार उसके पास डीजल का केवल पांच दिनों का भंडार बचा है।
पाकिस्तान हालात बेहद खराब
एक मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को यह बात कही गई। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी बैंकों ने भी तेल कंपनियों को उच्च जोखिम वाली श्रेणियों में रखा है और ऋण देने से इनकार कर दिया। जिसके चलते ये कंपनियां विदेशी तेल कंपनियों से तेल नहीं खरीद पा रही हैं। सरकार के अनुसार यदि जल्द पैसा न मिला तो देश भर में ट्रकों और अन्य वाहनों की आवाजाही रुक सकती है।
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