अंकारा। तुर्की में सालाना मुद्रास्फीति 19 साल के उच्चतम स्तर 36.08 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। तुर्की के सांख्यिकी संस्थान ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2021 में इससे पिछले महीने की तुलना में 13.58 प्रतिशत बढ़ी है। इससे लोगों की क्रय शक्ति और कम हो गई है। सालाना आधार पर खाद्य वस्तुओं के दाम 43.8 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।
तुर्की में मुद्रास्फीति की यह दर सितंबर, 2002 के बाद सबसे अधिक है। तुर्की के केंद्रीय बैंक ने राष्ट्रपति के दबाव में सितंबर में महत्वपूर्ण ब्याज दरों में पांच प्रतिशत की कटौती की थी। उसके बाद से देश की मुद्रा लीरा लगातार टूटकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई है। तुर्की की मुद्रा लीरा के कमजोर होने से आयात, ईंधन और रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान महंगा हो गया है। इससे 8.4 करोड़ की आबादी वाले देश में बड़ी संख्या में लोग भोजन भी नहीं जुटा पा रहे हैं।
कर्ज में डूबा पाकिस्तान
तुर्की के हमदम पाकिस्तान की हालत भी अपने दोस्त जैसी ही खराब है। पाकिस्तान का घरेलू और विदेशी कर्ज़ 50 हज़ार अरब रुपये से भी अधिक हो गया है। स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के अनुसार, जून 2018 में विदेशी क़र्ज़ 95 अरब डॉलर था, सितंबर 2021 के अंतिम सप्ताह तक ये 127 अरब डॉलर तक जा पहुंचा। साल 1947 से 2008 तक देश पर केवल 6 हज़ार अरब का क़र्ज़ था जो सिर्फ़ 13 सालों में 50 हज़ार पार कर गया है।
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