पाकिस्तान की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। देश का खजाना खाली है, उस पर दुनिया भर के देशों से पाकिस्तान 27 अरब डॉलर का कर्ज लिए बैठा है। यह पहले ही साफ हो चुका है कि अब पाकिस्तान के पास और ज्यादा किस्ते चुकाने लायक डॉलर भी नहीं हैं। ऐसे में अब पाकिस्तान कर्ज चुकाने के लिए लोन की कर्ज चुकाने के लिए देश के पास अब ज्यादा विकल्प भी नहीं बचे हैं। ऐसे में पाकिस्तान के नव नियुक्त वित्त मंत्री इशाक डार पाकिस्तान को डिफॉल्ट से बचाने के लिए लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए बातचीत शुरू कर दी हैं।
पाकिस्तान पर 27 अरब डॉलर का कर्ज
डॉन अखबार की खबर के अनुसार पाकिस्तान विभिन्न देशों के करीब 27 अरब डॉलर के द्विपक्षीय ऋण को पुनर्गठित करने की कोशिश कर रहा है। वित्त मंत्री इशाक डार ने पेरिस क्लब, बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय सॉवरेन बांड के तहत अमीर पश्चिमी देशों से मिले अंतरराष्ट्रीय ऋण के पुनर्गठन को खारिज किया। उन्होंने साथ ही कहा, ''द्विपक्षीय ऋण का पुनर्गठन ठीक है।'' डॉन अखबार की खबर के मुताबिक वित्त मंत्री ने कहा कि पेरिस क्लब के कर्ज का पुनर्गठन करने का कोई लाभ नहीं है, क्योंकि इन लेनदारों का कुल कर्ज, कुल विदेशी कर्ज के 11 फीसदी से अधिक नहीं है और एक साल में मिलने वाली कर राहत 1.2 अरब डॉलर से कम है।
अकेले पेरिस क्लब का 10.7 अरब डॉलर बकाया
पाकिस्तान पर पेरिस क्लब के देशों का कुल 10.7 अरब अमेरिकी डॉलर बकाया है। डार ने कहा, ''जब हम बाहरी भुगतान के लिए 32-34 अरब अमेरिकी डॉलर की व्यवस्था करने जा रहे हैं, तो ऐसे में 1.2 अरब डॉलर कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।''
चीन का 23 अरब डॉलर बकाया
पुनर्भुगतान में लगभग 22 अरब डॉलर का विदेशी ऋण और लगभग 10-12 अरब डॉलर का चालू खाता घाटा शामिल है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार पेरिस क्लब को छोड़कर पाकिस्तान का कुल द्विपक्षीय ऋण इस समय लगभग 27 अरब डॉलर है, जिसमें चीनी ऋण लगभग 23 अरब अमेरिकी डॉलर है।
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