कर्ज में डूबे पाकिस्तान को बार-बार मिन्नतें करने के बाद आखिरकार आईएमएफ से कर्ज मिल ही गया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी बोर्ड ने बुधवार को नकदी की तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए 7 अरब डॉलर का नया कर्ज मंजूर कर दिया है। दोनों पक्षों ने दो महीने से अधिक समय पहले कहा था कि वे एक समझौते पर पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह लोन पाकिस्तान को 37 महीनों में किस्तों में मिलेगा। इस लोन का उद्देश्य पाकिस्तान की जर्जर इकोनॉमी को पटरी पर लाने में मदद करना है।
पाकिस्तान ने बोला आईएमएफ को थैंक्यू
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बयान में उस समझौते का स्वागत किया जिसके लिये उनकी टीम जून से आईएमएफ के साथ बातचीत कर रही थी। उन्होंने आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा और उनकी टीम को मंजूरी के लिए धन्यवाद दिया। वैश्विक ऋणदाता आईएमएफ ने कहा कि इस लोन में से वह लगभग 1 अरब डॉलर तत्काल जारी कर देगा।
IMF ने की पाकिस्तान की तारीफ
गुरुवार को जारी एक बयान में IMF ने पाकिस्तान की प्रशंसा की कि उसने आर्थिक स्थिरता बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। विकास में तेजी आई है। महंगाई दर सिंगल डिजिट में आ गई है और एक शांत विदेशी मुद्रा बाजार ने रिजर्व भंडार के पुनर्निर्माण में मदद की है। लेकिन उसने सरकारी अधिकारियों की आलोचना भी की। आईएमएफ ने चेतावनी दी कि प्रगति के बावजूद पाकिस्तान की कमजोरियां और संरचनात्मक चुनौतियां दुर्जेय बनी हुई हैं। इसने कहा कि एक कठिन व्यावसायिक वातावरण, कमजोर शासन और सरकार की एक बड़ी भूमिका ने निवेश में बाधा डाली है, जबकि टैक्स बेस बहुत छोटा बना हुआ है।
चेतावनी भी दी
आईएमएफ ने चेताया, "स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च पर्याप्त नहीं रहा है, जिससे गरीबी बढ़ रही है और अपर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ने आर्थिक क्षमता को सीमित कर दिया है।" IMF ने दो महीने से अधिक समय पहले पाकिस्तान के साथ नए लोन के लिए एक स्टाफ-स्तरीय समझौता किया था। अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा आईएमएफ द्वारा निर्धारित सभी शर्तों को पूरा कर लेने के बाद लोन को मंजूरी दी गई है। पाकिस्तान दशकों से अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए IMF के लोन्स पर निर्भर रहा है। शरीफ ने चीन और अन्य मित्र देशों को पाकिस्तान की आईएमएफ के साथ डील को सुविधाजनक बनाने के लिए धन्यवाद दिया।
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