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Hindi News पैसा बिज़नेस Pakistan in deep Crisis: पाई-पाई का मोहताज हुआ पाक, खर्च चलाने के लिए अब सरकारी संपत्ति बेचेगा

Pakistan in deep Crisis: पाई-पाई का मोहताज हुआ पाक, खर्च चलाने के लिए अब सरकारी संपत्ति बेचेगा

Pakistan in deep Crisis: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) ने अब सरकारी कंपनियों के शेयर मित्र देशों को बेचने की योजना बना रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा 4 बिलियन डॉलर की सहायता राशी की जरूरत पड़ेगी। ताकि वह अपने वित्तीय घाटे की भरपाई कर सके।

खाने-खाने को तरस रहा...- India TV Paisa Image Source : INDIA TV खाने-खाने को तरस रहा पाकिस्तान

Highlights

  • सरकारी कंपनियों के शेयर बेचेगी पाकिस्तान सरकार
  • सरकार के पास ही रहेगा मालिकाना हक
  • पाकिस्तान के उपर 17.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज

Pakistan in deep Crisis:​ गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) ने अब सरकारी कंपनियों के शेयर मित्र देशों को बेचने की योजना बना रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा 4 बिलियन डॉलर की सहायता राशी की जरूरत पड़ेगी। ताकि वह अपने वित्तीय घाटे की भरपाई कर सके। पाकिस्तान के 'डॉन' अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Miftah Ismail) ने राज्य के सरकारी कंपनियों के शेयरों को बेचने के लिए कानून में संशोधन कराने का फैसला लिया है। इसके अलावा, पाकिस्तान सरकार वित्तीय संकट (Economic Crisis) से उबरने के लिए दो सरकारी कंपनी एलएनजी (LNG) आधारित बिजली परियोजना- बल्लोकी और हवेली बहादुर शाह को मित्र देशों को बेचने की भी योजना बना रही है।

खराब  गवर्नेंस है जिम्मेदार

पाकिस्तान के वित्तीय मंत्री ने 'खराब प्रबंधन' और 'खराब गवर्नेंस' को राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों को बेचने की स्थिति में आने का कारण बताया है। उन्होंने कहा कि अधिकांश राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों को पेशेवर लोग चला रहे थे। लेकिन फिर भी उनके द्वारा बेहतर प्रदर्शन नहीं किया जा सका। अब समय आ गया है कि पूराने कानूनों को बदलकर एक बेहतर ढ़ांचा तैयार किया जाए जो पाकिस्तान की विकास में महत्वपुर्ण भूमिका निभा सके। 

कौन खरीदेगा सरकारी कंपनियों के शेयर 

इन शेयरों को किन मित्र देशों के हाथ बेचा जाएगा। अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि पाकिस्तान के चीन (China) और सऊदी अरब जैसे देशों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिन्होंने उसके वित्तीय संकट के दौरान काफी सहायता प्रदान की है। उन्होंने आगे स्पष्ट करते हुए कहा कि पाकिस्तान केवल स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किए गए शेयरों की बिक्री कर रहा है। कंपनी का मालिकाना हक आगे भी उसके पास ही रहेगा। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार हाल में आई आर्थिक समस्या के चलते शेयर बेच रही है, जिसे सुधार होने पर वापस से खरीद लिया जाएगा। उन्होनें देश की जनता को भरोसा दिलाया है कि स्थिति में जल्द सुधार देखने को मिलेगा। लेकिन हकीकत इसके उलट होती दिख रही है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हो रहा है। उसके उपर 17.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज है। 

पाकिस्तान में बेतहाशा महंगाई

पाकिस्तान में बेतहाशा बढ़ती महंगाई और कर्ज का बढ़ते बोझ के चलते  पाकिस्तान श्रीलंका की राह पर अग्रसर है। पाकिस्तान में पिछले महीने महंगाई दर 21.3 फीसदी तक चली गई थी, जो पिछले एक दशक के सबसे उच्चतम स्तर है। 

 

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