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पाकिस्तान कंगाली के बेहद करीब, विदेशी कर्ज पहुंचा चार साल के उच्चतम स्तर पर 17.4 बिलियन डॉलर

भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान कंगाल होने के कगार पर आ गया है। पाकिस्तान का करेंट अकाउंट डेफिसिट अपने चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में CAD 17.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है

pakistan- India TV Paisa Image Source : AP pakistan

Highlights

  • विदेशी कर्ज पहुंचा चार साल के उच्चतम स्तर पर 17.4 बिलियन डॉलर
  • पाकिस्तानी बॉन्ड को कमर्शियल मार्केट नहीं कर रहे एक्सेप्ट
  • पाकिस्तान में पिछले महीने महंगाई दर 21.3 फीसदी तक चली गई

Pakistan: भारत(India) का पड़ोसी देश पाकिस्तान(Pakistan) कंगाल होने के कगार पर आ गया है। पाकिस्तान का करेंट अकाउंट डेफिसिट(Current Account Deficit) अपने चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में CAD 17.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, जो नकदी की कमी से जूझ रहे देश की अर्थव्यवस्था के लिए परेशानी का बड़ा संकेत है।

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने बुधवार को बताया कि देश ने वित्त वर्ष 2022 में 17.406 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सीएडी दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2021 में केवल 2.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर था। डॉन अखबार के अनुसार, भारी सीएडी पेमेंट से संबंधित गंभीर समस्या के बारे में बहुत कुछ बताता है। 17.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज में डूबा पाकिस्तान अपने अर्थव्यवस्था को कितना सुधार पाएगा ये आने वाला समय निर्धारित करेगा। 

पाकिस्तानी बॉन्ड को कमर्शियल मार्केट नहीं कर रहे एक्सेप्ट

पाकिस्तान के बॉन्ड को कोई कमर्शियल मार्केट स्वीकार करने को तैयार नहीं हो रहा है। क्योंकि ऐसा करने में जोखिम ज्यादा है। चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2022 में घाटे के लिए एसबीपी के अनुमान से अधिक हो गया है। वित्त वर्ष 2022 में सीएडी बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का 4.6 प्रतिशत हो गया, जो वित्त वर्ष 2021 में 0.8 प्रतिशत था।
नवंबर 2021 में, SBP ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें उसके द्वारा कहा गया था कि चालू खाता घाटा FY22 के दौरान GDP के 2% से 3% के बीच रहने का अनुमान है।

निकट भविष्य में सुधार की नहीं दिख रही गुंजाईश

स्थानीय और विदेशी मीडिया में आने वाली रिपोर्ट से पता चलता है कि पाकिस्तान तब तक डॉलर के प्रवाह को अनलॉक नहीं कर सकता जब तक कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्यकारी बोर्ड 15 जुलाई को अपने स्टाफ-स्तरीय समझौते को मंजूरी नहीं दे देता।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने आईएमएफ के साथ जल्द समझौते के संकेत दिए हैं, लेकिन उनके द्वारा इस संबंध में कोई अधिकारिक समय नहीं बताई गई है कि आईएमएफ से उनकी कब बातचीत होनी है। समय बीतने के साथ विश्वास की कमी बढ़ रही है। 

पाकिस्तान में बेतहाशा बढ़ रही महंगाई

पाकिस्तान में बेतहाशा बढ़ती महंगाई और अब कर्ज का बढ़ता बोझ पाकिस्तान को श्रीलंका की राह पर ले जाने को अग्रसर है। पाकिस्तान में पिछले महीने महंगाई दर 21.3 फीसदी तक चली गई है। जो पिछले एक दशक के सबसे उच्चतम स्तर पर है। 

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