पाकिस्तान की खस्ता हालत शायद ही किसी से छिपी होगी। लेकिन हाल ही सत्ता में आई शहबाज शरीफ सरकार के सामने सबसे शर्मिंदगी भरी स्थित आ खड़ी हुई है। नकदी की कमी का सामना कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार दिसंबर 2019 के बाद के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। एक मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। वहीं डॉलर की मजबूती के चलते रुपया भी गर्त में चला गया है। गुरुवार को 1 डॉलर की कीमत 191 पाकिस्तानी रुपये के पार पहुंच गई।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान का चालू खाता घाटा और व्यापार घाटा बढ़ने, विदेशी कर्ज के भुगतान और डॉलर की निकासी के चलते उसके विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी हुई है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार, छह मई को समाप्त सप्ताह में 16.4 अरब अमेरिकी डॉलर की आवक हुई, जो एक सप्ताह पहले 16.5 अरब डॉलर थी।
केंद्रीय बैंक का भी खजाना खाली
केंद्रीय बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार साप्ताहिक आधार पर 17.8 करोड़ डॉलर यानी 1.1 प्रतिशत घटकर 16.376 अरब डॉलर हो गया। पाकिस्तान के टीवी चैनल 'जियो न्यूज' ने कहा कि केंद्रीय बैंक का भंडार भी 23 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। यह 19 करोड़ डॉलर घटकर 10.308 अरब डॉलर रह गया है।
पाकिस्तानी रुपया गर्त में
पाकिस्तानी रुपया (PKR) ने गुरुवार को अपने सबसे निचले स्तर 191.77 रुपये पर बंद हुआ।जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषकों की भविष्यवाणियों के अनुरूप पाकिस्तानी रुपये ने अपनी गिरावट जारी रखी। 1 जुलाई, 2021 से पीकेआर में 21.72 फीसदी (34.23 रुपये) की गिरावट आई है। नकदी की तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है और पिछले महीने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को विश्वास मत के जरिए पद से हटा दिया गया था।
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