इस्लामाबाद। आप सिर्फ आधे घंटे में जितने रुपये का एक पिज्जा चट कर जाते हैं। पाकिस्तान की करीब एक तिहाई आबादी को उतना कमाने के लिए दिन भर मशक्कत करनी पड़ती है। विश्व बैंक की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान की लगभग 34 प्रतिशत आबादी केवल 3.2 डॉलर या 588 रुपये की दैनिक आय पर जीवन व्यतीत करने को मजबूर है।
विश्व बैंक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री मिफ्ता इसामिल के समक्ष मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की सबसे बड़ी चुनौती है। विश्व बैंक की पाकिस्तान के विकास ‘अपडेट’ की द्विवार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती मुद्रास्फीति ने गरीब और कमजोर परिवारों को बुरी तरह प्रभावित किया है। ये परिवार अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा खाद्य पदार्थों और ऊर्जा पर खर्च करते हैं।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने बैंक के हवाले से जारी रिपोर्ट में कहा कि गरीब अपने बजट या कमाई का आधा खाने-पीने के सामान या भोजन पर खर्च करते हैं। विश्व बैंक ने कहा कि पाकिस्तान में वित्त वर्ष 2021-22 में मुद्रास्फीति आठ प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में औसतन 10.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पर रहने के मुकाबले बढ़कर औसतन 10.7 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान है।
रिपोर्ट में मुताबिक, पाकिस्तान में मुद्रास्फीति दक्षिण एशिया के क्षेत्र में सबसे अधिक है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चालू वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर के अनुमान को बिना किसी के बदलाव के चार प्रतिशत पर कायम रखा है।
Latest Business News