Ola-Ubar कैब ड्राइवरों की उद्दंडता से आम लोगा काफी परेशान हो गए हैं। मनमाने ढंग से राइड रद्द देना, मनमाना शुल्क लगाना आदि कैसे ऐसे कारण हैं जो इन कंपनियों के खिलाफ शिकायतों का अंबार लगा दिया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि उसे कैब एग्रीगेटर्स के खिलाफ सेवाओं में कमी, उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र में कमी और ड्राइवरों द्वारा मनमाने ढंग से कैब रद्द करने को लेकर अब तक कुल 8,740 शिकायतें मिली हैं।
ई-कॉमर्स नियम में शिकायत तंत्र होना जरूरी
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत अधिसूचित उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में सभी ई-कॉमर्स संस्थाओं को उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने, उपभोक्ता शिकायत निवारण के लिए एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने और अपने मंच पर ऐसे अधिकारी के नाम, संपर्क विवरण और पदनाम प्रदर्शित करने की आवश्यकता है। शिकायत अधिकारी को किसी भी उपभोक्ता शिकायत की प्राप्ति की सूचना 48 घंटों के भीतर देनी होती है और शिकायत प्राप्त होने की तारीख से एक महीने के भीतर शिकायत का निवारण करना होता है।
दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किए गए
उपभोक्ताओं द्वारा एनसीएच पर दर्ज की गई विभिन्न शिकायतों के आधार पर दो प्रमुख ऑनलाइन राइड हीलिंग प्लेटफॉर्मो को नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस प्लेटफार्मों द्वारा उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन और अनुचित व्यापार प्रथाओं के कई मुद्दों को उठाते हैं। संगीता कुमारी सिंह देव द्वारा सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार ओला, यूबेर जैसे ऑनलाइन कैब एग्रीगेटर्स के खिलाफ शिकायतों के बढ़ते मामलों के बारे में जानती थी, जिसमें ड्राइवरों द्वारा जबरन राइड रद्द करने, अनुचित रद्दीकरण शुल्क सहित अनुचित व्यापार प्रथाओं के बारे में था, जिसका एमओएस अश्विनी कुमार चौबे द्वारा जवाब दिया गया था।
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