एप आधारित टैक्सी सेवाएं प्रदान करने वाली दो प्रमुख कंपनियों ओला और उबर के खिलाफ खराब सर्विस की शिकायतें तो आम हैं। लेकिन ये कंपनियां अपने कर्मचारियों के साथ कैसा व्यवहार कर रही हैं, इसकी एक झलक डिजिटल प्लेटफॉर्म में नौकरी करने वाले अस्थायी कर्मचारियों (गिग वर्कर) से जुड़ी रिपोर्ट में देखने को मिली है।
इस रिपोर्ट के आधार पर कामकाज संबंधी अनुकूल या उचित परिस्थितियों के आधार पर डिजिटल मंचों की एक रैंकिंग की गई है। इस रैंकिंग में सबसे कम अंक पाने वालों में ऐप आधारित कैब सर्विस कंपनी ओला और उबर का नाम रहा है। इसके अलावा राशन डिलिवरी ऐप डुंजो, दवा मंच फार्मइजी और अमेजन फ्लेक्स को मिले हैं।
ये रहा कंपनियों का रिपोर्ट कार्ड
- अर्बन कंपनी (7/10)
- बिगबास्केट(6/10)
- फ्लिपकार्ट (5/10)
- स्विगी (5/10)
- जोमैटो (4/10)
- जेप्टो (2/10)
- पोर्टर (1/10)
- अमेजन फ्लेक्स (0/10)
- डुंजो (0/10)
- ओला (0/10)
- फार्मइजी (0/10)
- उबर (0/10)
5 सिद्धान्तों पर तय हुई रेटिंग
फेयरवर्क इंडिया की टीम ने 12 डिजिटल मंचों की यह रेटिंग ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर तैयार की है। फेयरवर्क दुनियाभर के डिजिटल मंच के कर्मचारियों के लिए कामकाज की परिस्थितियों का आकलन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करती है। ‘फेयरवर्क इंडिया रेटिंग्स 2022 रिपोर्ट’ में डिजिटल मंचों का आकलन पांच सिद्धांतों के आधार पर किया जाता है, जो हैं: उचित भुगतान, अनुकूल परिस्थितियां, उचित अनुबंध, उचित प्रबंधन और उचित प्रतिनिधित्व। इसमें अमेजन फ्लेक्स, डुंजो, ओला, फार्मइजी और उबर को दस में से शून्य अंक मिले हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इस वर्ष किसी भी मंच को दस अंक में से सात से अधिक अंक नहीं मिले।’’ इसमें 12 मंचों का आकलन किया गया जिसमें अमेजन फ्लेक्स, बिगबास्केट, डुंजो, फ्लिपकार्ट, ओला, फार्मइजी, पोर्टर, स्विगी, उबर, अर्बन कंपनी, जेप्टो और जोमैटो शामिल हैं। दल के प्रधान जांचकर्ता प्रोफेसर बालाजी पार्थसारथी ने बताया, ‘‘कानून के तहत गिग वर्कर स्वतंत्र ठेकेदार होते हैं जिसका मतलब यह है कि उन्हें असंगठित क्षेत्र के कामगारों या कर्मचारियों की तरह श्रम अधिकारों का लाभ नहीं मिलता है।
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