कच्चे तेल की घटती कीमतों से सरकारी तेल कंपनियों के अच्छे दिन एक बार फिर वापस आ रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार तेल कंपनियों को पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा है, लेकिन पिछले घाटे की भरपाई करने के लिए खुदरा कीमतों में कमी नहीं की गई है। इसके साथ ही एक रिपोर्ट में बताया गया कि डीजल की बिक्री पर कंपनियों को 6.5 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने पिछले 15 महीनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधित नहीं किया है। हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल की कीमतों में पर्याप्त कमी हुई है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा, ''24 जून 2022 को समाप्त सप्ताह में पेट्रोल पर 17.4 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 27.7 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड नुकसान के बाद, तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2022) में पेट्रोल की बिक्री पर 10 रुपये प्रति लीटर की दर से मुनाफा हुआ। दूसरी ओर डीजल पर नुकसान घटकर 6.5 रुपये प्रति लीटर रह गया।'' तीनों कंपनियों ने छह अप्रैल 2022 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं किया है।
कच्चे तेल की कीमत अप्रैल में 102.97 डॉलर प्रति बैरल थी, जो जून में बढ़कर 116.01 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। यह कीमत इस महीने 78.09 डॉलर तक गिर गई। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने उम्मीद जताई कि दूसरी तिमाही में रिकॉर्ड घाटे के बाद ये तीनों कंपनियां मुनाफे की स्थिति में आ सकती हैं।
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