दिल्ली एनसीआर में ऑफिस लेना अब बीजिंग और शंघाई के महंगा हो गया है। ये दावा रियल स्टेट फर्म की ओर से किया गया है। रियल स्टेट फर्म का कहना है कि दिल्ली एनसीआर ऑफिस के किराये के मामलों में पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में छठा सबसे महंगा बाजार है। जुलाई-सितंबर तिमाही में यहां ऑफिस लेने की लागत करीब सालाना करीब 78.4 डॉलर प्रति वर्ग रही जो कि इसे एशिया प्रशांत के सबसे महंगे ऑफिस बाजार में शामिल करता है।
रियल एस्टेट सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक की ओर से एशिया प्रशांत के 23 शहरों की एक पूरी लिस्ट निकाली गई है, जिसमें एशिया प्रशांत की सबसे महंगी ऑफिस किराए वाली जगहों को शामिल किया गया है। इस लिस्ट को बनाते समय ऑफिस के लिए दिए जाने वाले किराए के अतिरिक्त, टैक्स और अन्य प्रकार के शुल्क को भी शामिल किया गया है।
एशिया प्रशांत में इस शहरों में सबसे महंगा ऑफिस स्पेस
रियल एस्टेट सलाहकार फर्म के अनुसार सितंबर तिमाही में हांगकांग एशिया प्रशांत का सबसे महंगा ऑफिस बाजार रहा है। यहां ऑफिस किराए पर लेने की लागत सालना 164.7 डॉलर प्रति वर्गफुट है। वहीं, सिगांपुर इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर रहा है। हांगकांग और सिंगापुर दोनों ही एशिया के काफी प्रमुख औधोगिक शहर माने जाते हैं। तीसरे, चौथे और पांचवे नंबर पर सिडनी, टोक्यो और सियोल हैं।
मुंबई और बेंगलुरु ने भी बनाया स्थान
मंहगे ऑफिस स्पेस के मामले में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और आईटी हब बेंगलुरु भी पीछे नहीं है। इस मुंबई नौवैं स्थान पर रहा है। यहां ऑफिस किराये दिल्ली से थोड़ा कम सालाना 70.5 डॉलर प्रति वर्गफुट रहा है। वहीं, बेंगलुरु इस लिस्ट में 19वें स्थान पर रहा है। यहां ऑफिस स्पेस के किराये सालाना 36.1 वर्गफुट रहे हैं।
बीजिंग और शंघाई का क्या है स्थान?
दिल्ली-मुंबई की तरह बीजिंग-शंघाई में किरायो काफी महंगे हैं। लिस्ट के मुताबिक महंगे ऑफिस स्पेस के मामले में बीजिंग सातवें और शंघाई 10 वें स्थान पर है। वहीं, वियतनाम का हो ची मिन्ह सिटी इस मामले में आठवें नंबर पर है।
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