अप्रैल में बिजली का पूरे देश ने अभूतपूर्व बिजली संकट का सामना किया था। इस दौरान देश में कोयले की किल्लत को इसका जिम्मेदार माना गया था। अपनी इस चूक से सबक लेते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने कमर कस ली है। एनटीपीसी का कोयला उत्पादन अप्रैल-जून तिमाही में 61 प्रतिशत बढ़कर 42.40 लाख टन हो गया।
कंपनी ने मंगलवार को बताया कि एक साल पहले इसी अवधि में उसका उत्पादन 26.40 लाख टन था। एनटीपीसी ने बयान में कहा, ‘‘इस समय चालू तीन कोयला खदानों: पकरी-बरवाडीह (झारखंड), दुलंगा (ओडिशा) और तलाईपल्ली (छत्तीसगढ़) ने 42.40 लाख टन कोयला उत्पादन हासिल करने में योगदान दिया।’’
बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 42.40 लाख टन कोयले का उत्पादन, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 61 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने बताया कि जून, 2022 में कोयले का उत्पादन लगभग दोगुना होकर 15.55 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले इसी महीने में 7.73 लाख टन था।
एनटीपीसी ने समीक्षाधीन तिमाही में अपने बिजली संयंत्रों तक 41.74 लाख टन कोयला रवाना किया। एनटीपीसी ने कहा कि उसने झारखंड स्थित अपनी चट्टी-बरियातू कोयला खान में भी खनन कार्य शुरू कर दिया है। इस खदान से कोयले की आपूर्ति एनटीपीसी के बाढ़ बिजली केंद्र को की जाएगी।
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