Double Tax for NRI: भारत के ऐसे नागरिक हैं जो विदेशों में रहकर भारतीय व्यवसाय से कमाई कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ विदेशी नागरिक भी हमारे देश में रहकर अपने देश के लिए काम करते हैं। इन लोगों के ऊपर डबल टैक्स का बोझ होता है। नए फाइनेंसियल ईयर में NRI विदेशों में रहकर भी टैक्स की बचत कर सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं विदेशी नागरिक जो हमारे देश में रहते हैं वह भी बेहद आसानी से डबल टैक्स से बच सकते हैं। यहां जानें डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के बारे में विस्तार से।
NRI के लिए DTAA क्या है
2 देशों में आय पर टैक्स देने से बचने के लिए एक तरह का एग्रीमेंट होता है, जिसे DTAA कहते हैं। दो देशों के बीच इसे लेकर एक हस्ताक्षरित संधि के आधार पर लोग टैक्स की बचत कर सकते हैं। आपको बताते चलें कि इस संधि का मतलब यह नहीं है कि आप पूरी तरह से टैक्स में छूट ले लें। दरअसल दोनों देशों के बजाय केवल एक देश में टैक्स का भुगतान कर बचने के लिए डीटीएए का इस्तेमाल कर सकते हैं। टैक्स की चोरी से बचने के लिए इस आयकर अधिनियम को बनाया गया था।
NRI के लिए DTAA की दरें
DTAA की दरें दो देशों के बीच समानता देखने को नहीं मिलती है। इसमें भिन्नता हो सकती है। दरअसल दोनों देश मिलकर कर की दर को तय करते हैं। इसके बाद एनआरआई उसी दर के हिसाब से कमाई होने के बाद टैक्स अदा करते हैं। अगर आसान शब्दों में कहें तो दोनों देश के बीच टैक्स की दर को फिक्स करने के बाद लोग इसे केवल एक ही देश में देकर दोनों देश में टैक्स से बच सकते हैं। अमेरिका में रहने वाले लोगों के लिए DTAA की दरें 15%, यूनाइटेड किंगडम 15%, जर्मनी 10%, कनाडा 15% और दक्षिण अफ्रीका में 10% है।
NRI डबल टैक्स से बचने के लिए DTAA का लाभ कैसे उठाएं
NRI डबल टैक्स से बचने के लिए 2 तरीके अपना सकते हैं। इनमें टैक्स क्रेडिट और टैक्स सेविंग है। DTAA के तहत टैक्स क्रेडिट यानी जिस देश में NRI रहते हैं वहां इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा टैक्स सेविंग के अनुसार NRI दोनों देशों में से किसी भी एक में डबल अटैक से बचने के लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर आसान शब्दों में कहें तो लोगों को दोनों में से किसी एक देश में टैक्स देना जरूरी है। अगर आप भी एक एनआरआई हैं तो इन तरीकों से टैक्स बचत कर सकते हैं।
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