भारत में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि अगर उनके समय में ऐसा माहौल होता, तो मैं आईएएस की परीक्षा में बैठने की बजाय स्टार्टअप उद्यमी बन गया होता। राष्ट्रीय राजधानी में एक 'विशेष संपर्क अभियान' कार्यक्रम में बात करते हुए कांत ने कहा कि पीएम मोदी सरकार ने पिछले दशक में सबसे बड़ी बात यह की कि इसने स्टार्टअप के लिए नियमों और विनियमों में ढील दी, ताकि वे आगे बढ़ सकें।
1 लाख 30 हजार से अधिक स्टार्टअप खुले
उन्होंने कहा, "स्टार्टअप इंडिया को 16 जनवरी 2016 को पीएम मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था। तब से, भारत ने 1 लाख 30 हजार से अधिक स्टार्टअप, 115 से अधिक यूनिकॉर्न और 350 बिलियन डॉलर मूल्य के कारोबार के विकास को देखा है।" कांत कहा कि पिछले एक दशक में जो बदलाव आया है, उसे हासिल करने में लगभग 50 साल लग सकते थे, लेकिन वर्तमान सरकार के प्रयासों के कारण यह दस वर्षों में संभव हो गया।
सरकारी नीतियों से बिजनेस करना आसान हुआ
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत का पिछला दशक जबरदस्त तकनीकी नवाचार और परिवर्तन का रहा।" प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कहा था कि देश में 1.5 लाख से ज्यादा स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं, जो कि लाखों युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संस्थापकों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा नीतियों को आसान बनाने और टैक्स में छूट दिए जाने के कारण व्यापार करने के लिए सकारात्मक माहौल बना है।
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