हमारे मोबाइल में जो 4जी और 5जी सिग्नल आते हैं उसमें आपके घर के आसपास लगे मोबाइल टावरों की सबसे अहम भूमिका होती है। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए मोबाइल कंपनियां कॉमर्शियल बिल्डिंग या खाली पड़ी जमीन के अलावा घनी आबादी वाले क्षेत्रों में घरों की छतों पर भी मोबाइल टावर लगाती हैं। इसके लिए मकान मालिक को किराया भी दिया जाता है। लेकिन नोएडा में ऐसा करना मकान मालिक पर भारी पड़ेगा। नोएडा अथॉरिटी के ताजा आदेश के अनुसार घर की छत पर मोबाइल टावर लगाने पर संपत्ति का पट्टा अभिलेख निरस्त कर दिया जाएगा।
अथॉरिटी के अनुसार मानकों के तहत आवासीय परिसरों में दूरसंचार टावर लगाने की इजाजत नहीं है। लेकिन इस आदेश से टेलिकॉम कंपनियों की भी नींद उड़ी हुई है। दूरसंचार क्षेत्र में ढांचागत सेवाएं देने वाली कंपनियों के संगठन डीआईपीए ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को लिखे एक पत्र में कहा है कि नोएडा प्राधिकरण का एक संपत्ति का पट्टा अभिलेख निरस्त करने का आदेश न तो भारतीय टेलीग्राफ अधिकार नियम, 2016 के अनुरूप है और न ही यह राज्य सरकार के आदेशों पर ही खरा उतरता है।
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए) ने बयान में कहा, ‘‘एक संपत्ति के मालिक ने सूचित किया है कि नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 20 स्थित उसकी संपत्ति का पट्टा अभिलेख महज इस आधार पर निरस्त कर दिया है कि उसने छत पर मोबाइल टावर लगाने की मंजूरी दी है।’’ डीआईपीए ने डिजिटल दूरसंचार ढांचे की स्थापना के खिलाफ प्राधिकरण के इस कदम पर रोक लगाने की मांग करते हुए तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी ने कहा, ‘‘कंपनी को बखूबी मालूम है कि वह प्राधिकरण की अनुमति के बगैर काम कर रही थी जो कि मानकों का उल्लंघन है। प्राधिकरण के बोर्ड में निर्धारित मानकों के तहत आवासीय परिसरों पर मोबाइल टावर की अनुमति नहीं है। इस तरह इसमें दोहरा उल्लंघन किया गया है।’’
माहेश्वरी ने कहा कि हरित पट्टी एवं अन्य स्वीकृत इलाकों में कई मंजूरियां दी गई हैं और अब भी विभिन्न दूरसंचार परिचालकों को अनुमति दी जा रही है।
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