उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह ने सोमवार को कहा कि उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग के निर्माण में उनकी कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष भागीदारी नहीं है। सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद से 41 मजदूर उसमें अभी तक फंसे हुए हैं। अडाणी समूह के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा कि सुरंग के निर्माण में शामिल कंपनी में समूह का कोई स्वामित्व या हिस्सेदारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया के एक हिस्से में सिलक्यारा सुरंग के निर्माण में अडाणी समूह के शामिल होने का संदेह जताया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि अडाणी समूह या उसकी किसी अनुषंगी कंपनी की सुरंग के निर्माण में किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भागीदारी नहीं है।
सुरंग निर्माण कंपनी में कोई हिस्सेदारी नहीं
हम यह भी स्पष्ट करते हैं कि सुरंग के निर्माण में शामिल कंपनी में हमारी कोई हिस्सेदारी नहीं है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था। इससे उसमें काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए। उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कई एजेंसियां बचाव अभियान चला रही हैं। अडाणी समूह ने उसका नाम इस हादसे से जोड़े जाने की कड़ी निंदा की और कहा कि इस समय हमारी संवेदनाएं फंसे हुए मजदूरों तथा उनके परिवारों के साथ हैं।
16 दिन से फंसे हैं 41 मजदूर
आपको बता दें कि पिछले 16 दिन से सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिक फंसे हैं। उनको निकालने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। अब मजदूरों को बचाने के लिए ऊपर से नीचे की ओर ‘ड्रिलिंग’ की जा रही है। इसके अलावा हाथ से क्षैतिज खुदाई जल्द शुरू की जाएगी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सोमवार को यह जानकारी दी। अमेरिकी ऑगर मशीन के खराब हो जाने के बाद अब हाथ से खुदाई की जाएगी। ऑगर मशीन से 46.8 मीटर तक क्षैतिज खुदाई की जा चुकी थी लेकिन उसके बाद इस मशीन के टूट जाने के कारण उससे और खुदाई नहीं की जा सकी। सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर लंबवत ड्रिलिंग की जाएगी।
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