वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman का बैंकिंग मंत्रा, बदल जाएंगे गांव से लेकर शहर तक के सभी बैंक
Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को अपने निर्णय लेने वाले सीमाओं को प्रोफेशनल बनाने का निर्देश दिया है।
Highlights
- अगले 25 सालों का प्लान बनाने का निर्देश
- AI इस्तेमाल करने की दी सलाह
- अगले 25 सालों को प्रधानमंत्री अमृत काल के रूप में देखते हैं
Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को अपने निर्णय लेने वाले सीमाओं को प्रोफेशनल बनाने का निर्देश दिया है। मुंबई में भारतीय बैंक संघ (IBA) की 75वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि बैंकों के कामकाज में कोई निर्देश नहीं दिया गया है और न ही कोई हस्तक्षेप किया गया है। हम बस इतना चाहते हैं कि तेज गति से व्यवसाय के क्षेत्र में देश आगे बढ़े और ग्राहकों को बैंक के तरफ से बेहतर सेवा मिले।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को अधिक तकनीक से जुड़ने का भी आग्रह किया। इसके साथ आईबीए को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके सिस्टम एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाएं या एक-दूसरे से बात करते रहें यानी संपर्क में हों।
वित्त मंत्री ने पूछे कई सवाल
उन्होंने अपने भाषण के दौरान वहां मौजूद लोगों से ये भी जानना चाहा कि क्या आप डिजिटल जानकार हैं? क्या आपके कर्मचारी डिजिटल जानकार हैं? क्या आप एक डिजिटल संस्थान होने में सहज हैं और इसमें कितनी ट्रेनिंग दी जाती है, क्या आपके सिस्टम एक-दूसरे से बात करते हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि ये सभी चीजें जरुरी है। साथ ही आईबीए को यह सुनिश्चित करने की योजना बनानी चाहिए कि सभी बैंक चाहे निजी हो या सार्वजनिक, ग्राहक क्या चाहता है उसके लिए एक दूसरे से बात करें।
अगले 25 सालों का प्लान बनाने का निर्देश
सीतारमण ने बैंकों से अगले 25 सालों यानि 2047 तक के लिए योजना बनाने के लिए कहा है। बैंको को अगले 25 सालों में भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए रणनीति बनाने पर जोर देते हुए कहा कि आपको अपने पोर्टफोलियो बनाने की जरूरत है ताकि वह युवाओं के लिए भी आकर्षक हों और आप खुद को उनके लिए सुलभ बना सकें। क्या आप युवाओं से, महिलाओं से संवाद कर रहे हैं? क्या आप उन्हें अपनी योजनाओं को समझा पा रहे हैं?
AI इस्तेमाल करने की दी सलाह
आगे वित्त मंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वेब-3 जैसी तकनीक धोखाधड़ी का पता लगाने और गलत तरीके से पैसों के लेन-देन को ट्रैक करने में काफी मदद करती है। वेब-3 का उपयोग डेटा विश्लेषण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इन सभी में आईबीए की तरफ से कुछ समन्वय होना चाहिए। कुछ गड़बड़ी होने पर एआई का लाभ उठाना बैंकों के लिए तत्काल प्राथमिकता होनी चाहिए।
बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा के महत्व की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने एसोसिएशन से जानना चाहा कि क्या वे सभी पर्याप्त फायरवॉल के लिए तैयार हैं? क्या आप हैकिंग और अप्रत्याशित घटना से सुरक्षित हैं जो आपके सिस्टम को नीचे लाते हैं? उन्होंने आगे बैंकिंग क्षेत्र को 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए कहा है।
अगले 25 सालों को प्रधानमंत्री अमृत काल के रूप में देखते हैं
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 25 सालों को प्रधानमंत्री अमृत काल के रूप में देखते हैं और भारत की दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के साथ इसकी शुभ शुरूआत भी हो गई है। हमारे पास करने के लिए और भी बहुत कुछ है। बैंकिंग उद्योग को अमृत काल की सेवा करने की आवश्यकता है। हमें ये देखना होगा कि हम बढ़ते हुए भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए खुद को कितना बेहतर तरीके से उठा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा है कि हमें ऐसा करने की आवश्यकता है। 2047 तक हम जिस विकसित देश का सपना देख रहे हैं उसमें बैंकिंग क्षेत्र को बड़ा योगदान देना है।