आइसक्रीम के शौकीनों में लिए यह खबर काफी खास है। आइसक्रीम बनाने वाली एक कंपनी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्रेडमार्क के उपयोग से मना कर दिया है। यह मामला आइसक्रीम बनाने वाली कंपनी एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम्स से जुड़ा है। अदालत ने कंपनी के उत्पादों में ‘नेचुरल’ या ‘नेचुरल्स’ चिह्नों का उपयोग करने पर रोक लगा दी है।
उच्च न्यायालय ने यह अंतरिम आदेश 'नेचुरल' आइसक्रीम के निर्माता की याचिका पर दिया है। अदालत ने कहा कि एकपक्षीय निषेधाज्ञा देने के लिए स्पष्ट मामला बनता है। कोर्ट ने कहा कि यह रोक नहीं लगाए जाने पर कंपनी को अपूरणीय क्षति उठानी पड़ सकती है। अदालत ने कहा कि ‘एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम्स’ के निर्मिताओं को वादी सिद्धांत आइसक्रीम्स एलएलपी के चिन्ह ‘नेचुरल’, ‘नेचुरल्स’ या ‘एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम्स’ और ‘एनआईसी’ के किसी भी रूप में इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है।
भ्रम पैदा करने वाले चिन्ह और मिलती-जुलती पैकिंग करने पर भी रोक है। इसके अलावा कंपनी को नाइसआइसक्रीम्स डॉट कॉम के ‘डोमेन नेम’ का इस्तेमाल से भी रोक दिया गया है। याची ने कहा कि वे 1984 से ‘नेचुरल’ नाम और ब्रांड के तहत आइसक्रीम, आइसक्रीम शेक और संबंधित उत्पादों और सेवाओं की बिक्री कर रहे हैं।
अदालत ने ‘एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम्स’ के निर्माताओं अमित पहिलानी और अन्य को जवाब देने के लिए कहा है। उसने कहा कि ‘एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम्स’ के निर्मिताओं ने गलत तरीके से ‘एनआईसी नेचुरल आइसक्रीम’ के नाम का चिन्ह पंजीकृत करवा लिया है।
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