GST Rule: जीएसटी के नए रूल के मुताबिक, अब हर पैकेट पर जीएसटी लगेगा। अब चाहे 1 किलो आटा, 1 किलो चावल, 1 किलो दाल, दूध, दही, छाछ आप कुछ भी लें, सभी पर जीएसटी लगेगा और इसका भार आम जनता को उठाना पड़ेगा। इसी के साथ सेंट्रल बोर्ड आफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (सीबीडीटी) ने यह साफ किया है कि प्रीपेड फूड आइटम, जिनका वजन 25 किलो से ज्यादा होगा और एक पैकेट में पैक किए गए होंगे उस पर जीएसटी नहीं देना होगा। 5 फीसद जीएसटी केवल 25 किलो से कम वजन वाले पैकेट फूड आइटम्स पर ही लगेगा।
खुदरा ग्राहकों को होगा फायदा
इस बात का फायदा खुदरा ग्राहकों को काफी होगा। यदि कोई खुदरा दुकानदार 25 किलोग्राम के पैकेट को सीधे वितरक या प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी से खरीदता है और खुदरा मात्रा में उसे भेजता है तो ऐसी स्थिति में ग्राहकों को जीएसटी नहीं देना होगा, लेकिन अगर आप 10 किलो का कोई पैकेट बाजार से खरीदते हैं तो उस पर 5 फीसद जीएसटी जोड़कर आपको भुगतान करना पड़ेगा।
आम जनता की जेब पर पड़ा बोझ
खाद्य पदार्थ के सामानों पर जीएसटी लगने से एक तरफ जहां इसका बोझ आम जनता की जेब पर पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी खाते में काफी जीएसटी कलेक्शन पहुंच रहा है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि इसका अब खुदरा व्यापारियों और मैन्युफैक्च रिंगकंपनियों ने तोड़ निकालना शुरू कर दिया है। 25 किलो से ज्यादा के फूड पैकेट पर जीएसटी ना होने के चलते अब ज्यादातर कंपनियां यह कोशिश कर रही हैं कि वह अपने सामान को एक ही पैकेट में 25 किलो से ज्यादा का वजन रखें ताकि वह जीएसटी की मार से बच सकें।
ग्रेटर नोएडा में किराना स्टोर के मालिक राकेश सिंह ने बताया कि वह कंपनियों से सीधे बड़े-बड़े पैकेट खरीद रहे हैं। जिनमें 25 किलो से ज्यादा का सामान रखा जा रहा है ताकि उस पर जीएसटी ना लगे और उसे खुदरा व्यापार में इस्तेमाल कर सकें।
जीएसटी विभाग के एक बड़े अधिकारी ने दी जानकारी
जीएसटी विभाग के एक बड़े अधिकारी ने यह बताया है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने यह साफ किया है की प्रीपेड फूड आइटम्स जिनका वजन 25 किलो से ज्यादा और वह एक पैकेट में पैक किए गए हैं। उस पर जीएसटी नहीं देना होगा। 5 फीसद जीएसटी केवल 25 किलो से कम वजन वाले पैक्ड फूड आइटम्स पर ही लगेगा। ब्रांडेड अनाज और दाल बेचने वाली कंपनियां 25 किलो से ज्यादा बड़े पैकेट में फूड आइटम्स को पैक कर किराना स्टोर को बेच सकेंगी। किराना स्टोर से कस्टमर यह सामान खुदरा के रूप में लेंगे और जीएसटी नहीं चुकाएंगे। इसलिए बड़ी-बड़ी कंपनियां 25 किलो से ज्यादा बड़े पैकेट्स को तैयार करने में लग गई हैं और उन्हें खुदरा बाजार में सप्लाई किया जा रहा है।
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