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Hindi News पैसा बिज़नेस Nestle India का मुनाफा अप्रैल-जून तिमाही में बढ़कर ₹746.6 करोड़, जानें बिक्री से कितनी हुई इनकम

Nestle India का मुनाफा अप्रैल-जून तिमाही में बढ़कर ₹746.6 करोड़, जानें बिक्री से कितनी हुई इनकम

अप्रैल-जून तिमाही में नेस्ले इंडिया की घरेलू बिक्री 4.24 प्रतिशत बढ़कर 4,608.50 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 4,420.77 करोड़ रुपये थी।

कंपनी की कुल आय 3.64 प्रतिशत बढ़कर 4,853.07 करोड़ रुपये हो गई।- India TV Paisa Image Source : REUTERS कंपनी की कुल आय 3.64 प्रतिशत बढ़कर 4,853.07 करोड़ रुपये हो गई।

रोजमर्रा की घरेलू वस्तुओं की कंपनी नेस्ले इंडिया लिमिटेड का अप्रैल-जून तिमाही में शुद्ध लाभ 6.9 प्रतिशत बढ़कर 746.60 करोड़ रुपये हो गया। नेस्ले इंडिया ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि कंपनी का पिछले साल अप्रैल-जून तिमाही में शुद्ध लाभ 698.34 करोड़ रुपये रहा था। समीक्षाधीन तिमाही में नेस्ले इंडिया की उत्पादों की बिक्री से आय 3.75 प्रतिशत बढ़कर 4,792.97 करोड़ रुपये हो गई।

घरेलू बिक्री 4.24 प्रतिशत बढ़ी

खबर के मुताबिक, पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 4,619.50 करोड़ रुपये थी। अप्रैल-जून तिमाही में कुल व्यय 2.7 प्रतिशत बढ़कर 3,844.01 करोड़ रुपये हो गया। अप्रैल-जून तिमाही में नेस्ले इंडिया की घरेलू बिक्री 4.24 प्रतिशत बढ़कर 4,608.50 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 4,420.77 करोड़ रुपये थी। इसकी कुल आय 3.64 प्रतिशत बढ़कर 4,853.07 करोड़ रुपये हो गई।

6 अगस्त को कंपनी देगी लाभांश

अप्रैल से जून के दौरान, नेस्ले इंडिया ने अपनी आरअर्बन रणनीति के तहत अपने वितरण बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा और 800 से अधिक नए वितरण टचपॉइंट जोड़े, जिनमें नकद वितरक, पुनर्वितरक और थोक केंद्र शामिल हैं। साथ ही इसके गांव कवरेज में 5,000 की ग्रोथ हुई, जिससे यह 2,05,000 गांवों तक पहुंच गया। नेस्ले इंडिया के निदेशक मंडल ने 8 जुलाई को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹2.75 प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश घोषित किया था, जो ₹2,65.14 करोड़ है। कंपनी ने कहा कि यह लाभांश 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए ₹8.5 के अंतिम लाभांश के साथ 6 अगस्त को दिया जाएगा।

कीमतों को लेकर कंपनी की राय

कंपनी का कहना है कि कॉफ़ी और कोको की कीमतों में अभूतपूर्व गिरावट देखी जा रही है, क्योंकि इनकी कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं और कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है। अनाज और दालों की कीमतों में एमएसपी के समर्थन से संरचनात्मक लागत वृद्धि हो रही है। दूध की कीमतों, पैकेजिंग और खाद्य तेलों में सापेक्ष स्थिरता है।

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