भारत में टमाटर की कीमतों को थामने के लिए नेपाल से टमाटर का आयात किया जा रहा है। इसकी वजह से देश में उफान भर रही टमाटर की कीमतों को थामने में मदद मिली है। अब नेपाल एक अन्य मोर्चे पर भारत को निर्यात की तैयारी कर रहा है। यह क्षेत्र है बिजली निर्यात का। नेपाल भारत को अगले 10 साल तक बिजली का निर्यात करने का इच्छुक है। इसके लिए वहां की सरकार भारत से बातचीत आगे बढ़ाना चाह रही है।
10 साल के लिए बिजली समझौते का इच्छुक नेपाल
प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्क कमल दाहाल 'प्रचंड' ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार अगले 10 वर्षों में पड़ोसी देश भारत को निर्यात की जाने वाली बिजली को 450 मेगावाट से बढ़ाकर 10,000 मेगावाट करना चाहती है। प्रचंड ने यहां नेपाल बिजली प्राधिकरण के 38वें वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस दिशा में दोनों देशों के बीच एक प्रारंभिक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर भी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, "नेपाल इस समय करीब 450 मेगावाट बिजली का निर्यात भारत को कर रहा है लेकिन हम अगले 10 वर्षों में इसे 10,000 मेगावाट तक ले जाने का इरादा रखते हैं।"
पीएम मोदी से बातचीत
प्रचंड ने कहा कि भारत की हालिया यात्रा के दौरान उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ चर्चा की थी। इस दौरान अधिशेष बिजली के कारोबार के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच होने के बारे में भी सहमति जताई गई थी। उन्होंने कहा कि नेपाल अपने पनबिजली क्षेत्र में व्यापक बदलाव कर रहा है और यह विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अनुकूल माहौल बनाने में भी लगा हुआ है।
नेपाल से आ रहा है टमाटर
भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (एनसीसीएफ) ने नेपाल से 10 टन टमाटर के आयात का अनुबंध किया है। एनसीसीएफ आयात के साथ-साथ केंद्र सरकार की ओर से टमाटर की घरेलू खरीद भी कर रही है और उपभोक्ताओं को इसकी बिक्री रियायती दर पर कर रही है। एनसीसीएफ की प्रबंध निदेशक एनीस जोसेफ चंद्रा ने कहा, ‘‘हमने नेपाल से 10 टन टमाटर आयात का अनुबंध किया है।
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