NCLT ने बुधवार को कर्ज में डूबी फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के खिलाफ दिवाला समाधान कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया। साथ ही न्यायाधिकरण ने इस बारे में अमेजन की आपत्ति को खारिज कर दिया। न्यायाधीश पी एन देशमुख और श्याम बाबू गौतम की पीठ ने कहा कि वह एफआरएल के खिलाफ दिवाला समाधान कार्रवाई शुरू करने के लिये दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा सात के तहत बैंक ऑफ इंडिया की अपील स्वीकार कर रही है। धारा सात वित्तीय कर्जदाताओं को चूककर्ता कंपनियों के खिलाफ दिवाला कार्रवाई शुरू करने की अनुमति देने से संबंधित है।
3,495 करोड़ का भुगतान करने में विफल
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के लिये अंतरिम समाधान पेशेवर के रूप में विजय कुमार अय्यर को नियुक्त किया। न्यायाधिकरण ने बीओआई की याचिका को लेकर अमेजन की आपत्ति को भी खारिज कर दिया। एकबारगी पुनर्गठन योजना के तहत एफआरएल के 3,495 करोड़ रुपये का भुगतान करने में विफल रहने के बाद बीओआई ने न्यायाधिकरण के समक्ष याचिका दायर की थी। फ्यूचर समूह का रिलायंस के साथ प्रस्तावित सौदे का भी अमेजन ने विरोध किया था। बाद में सौदा रद्द कर दिया गया।
बीओआई ने किया था आवेदन
बीओआई के वकील रवि कदम ने दिवाला कार्रवाई शुरू करने के लिये आवेदन देते हुए कहा था कि बैंकों का समूह याचिका का समर्थन कर रहा है और कंपनी की संपत्तियों के संरक्षण के लिये जरूरी है कि न्यायाधिकरण याचिका स्वीकार करे। वहीं अमेजन ने 12 मई को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता की धारा 65 के तहत इस मामले में हस्तक्षेप को लेकर अपील दायर की थी। अमेजन ने कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा था कि बैंक ऑफ इंडिया और एफआरएल के बीच साठगांठ है। अमेजन ने कहा था कि अभी इस मामले में दिवाला कार्रवाई शुरू करना उसके अधिकारों के साथ ‘समझौता’ होगा।
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