एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड गुरुवार को बताया कि आम्रपाली समूह की पांच अंडरकंस्ट्रक्शन परियोजनाओं में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से 13,500 अतिरिक्त फ्लैट बनाएगी। भाषा की खबर के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इन परियोजनाओं में इस्तेमाल नहीं हुई जमीन पर निर्माण की परमिशन दी है। इसके बाद ही कंपनी के लिए नए फ्लैट बनाने का रास्ता साफ हुआ है। एनबीसीसी को आम्रपाली समूह की रुकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने का काम सुप्रीम कोर्ट ने सौंपा है।
75 एकड़ जमीन के विकास की अनुमति
एनबीसीसी को 38,000 फ्लैटों को पूरा करने और इसे खरीदारों के सुपुर्द करने के लिए कहा गया था। आम्रपाली की अटकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 'आम्रपाली स्थगित परियोजना निवेश पुनर्निर्माण प्रतिष्ठान' (एस्पायर) यूनिट का गठन किया गया था। एनबीसीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के पी महादेवस्वामी ने कहा कि अथॉरिटी ने आम्रपाली समूह की पांच आवासीय परियोजनाओं में करीब 75 एकड़ जमीन के विकास की अनुमति दे दी है।
80 रेसिडेंसियल टावर बना सकेगी कंपनी
पी महादेवस्वामी ने कहा कि हमारे अनुमानों के मुताबिक, इस जमीन पर हम करीब 80 रेसिडेंसियल टावर बना सकेंगे जिनमें 13,500 फ्लैट मौजूद होंगे। इनके निर्माण पर करीब 10,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एनबीसीसी को नए बनने वाले फ्लैटों की बिक्री से 15,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। महादेवस्वामी ने कहा कि अभी तक आम्रपाली समूह की परियोजनाओं में लगभग 16,000 फ्लैट का निर्माण पूरा कर लिया गया है और 6,000 फ्लैट खरीदारों को सौंपे भी जा चुके हैं।
इस साल दिसंबर तक 21,000 दूसरे फ्लैट भी सौंप दिए जाएंगे। आम्रपाली की अटकी हुई परियोजनाओं का इंतजार हजारों कस्टमर्स को कई सालों से है। कस्टमर्स की गाढ़ी कमाई लगाने के बाद भी लोगों को सालों से अब तक उनका आशियाना नहीं मिल सका है। सु्प्रीम कोर्ट की पहल के बाद अब लोगों में उम्मीद की किरण जगी है।
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