Small Traders: देश के बिजनेसमैन जिस बोर्ड के गठन की लंबे समय से मांग कर रहे थे, मोदी सरकार ने आज उसका ऐलान कर दिया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (National Traders Welfare Board) के गठन की जानकारी दी है। इसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के लिए पैसे की पहुंच में सुधार के तरीकों की पहचान करेना और व्यापारियों पर लागू होने वाले अधिनियमों और नियमों को आसान बनाने के उपाय सुझाना है। नेशनल माइनॉरिटी कमीशन के पूर्व सदस्य सुनील सिंघी इसके पहले चेयरमैन होंगे। सिंघी इससे पहले करीब 5 साल तक गुजरात के श्रमयोगी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन भी रह चुके हैं। इसके अलावा एक इंक्लूसिव अप्रोच अपनाते हुए सरकार के कई ट्रेड बॉडीज़ और ट्रेडर्स से जुड़े सभी डिपार्टमेंट्स के अधिकारियों को इस बोर्ड में प्रतिनिधित्व दिया है।
मोदी सरकार ने किया था वादा
बोर्ड व्यापारियों के कंप्लायंस बर्डन(अनुपालन बोझ) को कम करने के साथ-साथ व्यापारियों और उनके कर्मचारियों के लिए बीमा, पेंशन और स्वास्थ्य सेवा जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभ सुनिश्चित करने के लिए भी सिफारिशें करेगा। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के आम चुनावों के लिए अपने पार्टी घोषणापत्र में एक राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड स्थापित करने और खुदरा व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय नीति लाने का वादा किया था। पार्टी ने घोषणापत्र में कहा था कि छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए, हम जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत पंजीकृत सभी व्यापारियों को 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा प्रदान करेंगे।
सरकार ने जनवरी में औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (DIPP) का नाम बदलकर उद्योग और आंतरिक व्यापार (DPIIT) को बढ़ावा देने के लिए विभाग रखा, जिससे इसे व्यापारियों और उनके कर्मचारियों के कल्याण की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली।
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