मुकेश अंबानी अब इस सेक्टर में लगाने जा रहे दांव, लाखों लोगों को मिलेगा इसका सीधा फायदा
जानकारी के अनुसार, जर्मन कंपनी एलियांज, बजाज फिनसर्व लिमिटेड के साथ अपने दो मौजूदा ज्वाइंट वेंचर से बाहर निकलने पर विचार कर रहा है, जो दो दशकों से अधिक समय तक चली साझेदारी का अंत होगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) अब एक और नए सेक्टर में एंट्री मारने की तैयारी में है। दरअसल, मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने भारत के इंश्योरेंस मार्केट में एंट्री मारने के लिए जर्मनी की बीमा कंपनीह एलियांज एसई के साथ बातचीत शुरू की है। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, इस घटनाक्रम से जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि जर्मन फर्म देश में दो मौजूदा ज्वाइंट वेंचर को खत्म करना चाहती है। इस अवसर को भुनाने के लिए मुकेश अंबानी आगे हैं। एलियांज और जियो फाइनेंशियल मिलकर जनरल इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस कारोबार में एंट्री मारेंगे। जानकारों का कहना है कि हालांकि, यह बातचीत शुरुआती चरण में हैं लेकिन अगर यह डील हो जाती है तो इंश्योरेंस मार्केट में जियो की एंट्री से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इसका फायदा लाखों लोगों को मिलेगा। उनका बीमा प्रीमियम में कमी देखने को मिल सकती है।
कोई अधिकारिक बयान अभी नहीं
इस बातचीत को लेकर अभी कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है। जियो फाइनेंशियल के प्रवक्ता ने कंपनी की अटकलों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। कहा कि अगर ऐसा कुछ होगा तो हम जरूर जानकारी देंगे। जानकारी के अनुसार, जर्मन कंपनी एलियांज, बजाज फिनसर्व लिमिटेड के साथ अपने दो मौजूदा ज्वाइंट वेंचर से बाहर निकलने पर विचार कर रहा है, जो दो दशकों से अधिक समय तक चली साझेदारी का अंत होगा। बजाज फिनसर्व ने पुष्टि की है कि एलियांज अपनी जीवन और सामान्य बीमा उपक्रमों से "बाहर निकलने पर सक्रिय रूप से विचार कर रहा है।"
वित्तीय सेवा में जियो फाइनेंशियल की एंट्री
जियो फाइनेंशियल, जिसका नेतृत्व वर्तमान में अनुभवी बैंकर के.वी. कामथ कर रहे हैं, पहले ही शैडो बैंकिंग ऑपरेशन और बीमा ब्रोकरेज के माध्यम से वित्तीय सेवाओं में प्रवेश कर चुका है। फर्म ने एसेट मैनेजमेंट व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए ब्लैकरॉक इंक के साथ मिलकर काम किया है। अपने पोर्टफोलियो में बीमा को शामिल करने से जियो फाइनेंशियल की भारत के वित्तीय क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की महत्वाकांक्षाओं को बल मिलेगा। भारत की बीमा पैठ दर दक्षिण अफ्रीका और कनाडा जैसे देशों की तुलना में काफी कम है, जो इस क्षेत्र की वृद्धि की क्षमता को उजागर करती है। बीमा नियामक के आंकड़ों के अनुसार, यह जियो फाइनेंशियल और एलियांज जैसी कंपनियों के लिए काफी अवसर प्रस्तुत करता है।