ई-कॉमर्स से ज्यादा मुनाफा कमा सकती हैं MSME कंपनियां, सरकार हल कर रही है ये बड़ी मुश्किलें
कोविड काल में एमएसएमई कंपनियों की बिगड़ती हालत को देखते हुए आपात ऋण-सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) शुरू की गई थी।
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने सोमवार को कहा कि ई-कॉमर्स मंचों ने एमएसएमई इकाइयों को मुनाफा बढ़ाने, विपणन खर्च घटाने और नए बाजारों तक पहुंच बनाने में मदद की है। वर्मा ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की तरफ से आयोजित भारतीय एमएसएमई वृद्धि सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एमएसएमई क्षेत्र देश में विनिर्माण आधार के विस्तार और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए एमएसएमई इकाइयों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘छोटे कारोबार को अपना प्रबंध कौशल सुधारने और अपने प्रौद्योगिकी आधार को ‘स्मार्ट’ बनाने की जरूरत है। हाल के वर्षों में बढ़े ऑनलाइन बाजारों का एमएसएमई पर सकारात्मक असर रहा है।
एमएसएमई ई-कॉमर्स के जरिये ज्यादा मुनाफा कमा सकती हैं। इससे उनका राजस्व एवं मार्जिन बढ़ेगा, नए बाजारों तक पहुंच होगी और विपणन पर होने वाला खर्च भी कम होगा।’’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की कई लहरों का सामना करने के बाद एमएसएमई क्षेत्र पूरी मजबूती से खड़ा है।
उन्होंने कहा कि कोविड काल में एमएसएमई कंपनियों की बिगड़ती हालत को देखते हुए आपात ऋण-सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘एमएसएमई क्षेत्र में विकास हो रहा है और इसे देशभर में देखा जा सकता है। इसकी मुख्य वजह यह है कि हमारी सार्वजनिक नीतियों में बदलाव लाए जा रहे हैं।’’
बीईई के लिये एमएसएमई शीर्ष प्राथमिकता
बिजली मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के महानिदेशक अभय बाकरे ने सोमवार को कहा कि बीईई के लिये लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) शीर्ष प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। इसका कारण यह है कि उन्हें ऊर्जा के स्वच्छ विकल्प को अपनाने के लिये कम निवेश की ही जरूरत है। विश्व एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) दिवस के मौके पर इंस्टिट्यूट फॉर सस्टेनेबल कम्यूनिटीज (आईएससी) के सहयोग से वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट इंडिया (डब्ल्यूआरआईआई) द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए बाकरे ने स्वच्छ ऊर्जा को लेकर छोटे उद्योगों के सकारात्मक रुख की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिये एमएसएमई शीर्ष प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। उन्हें ऊर्जा के स्वच्छ विकल्प को अपनाने के लिये थोड़े ही निवेश की जरूरत होती है।’’