वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर से विकास को गति देगी मोदी सरकार, बजट आवंटन बढ़ाकर इतने लाख करोड़ किया
सरकार की सकल बाजार उधारी 14.13 लाख करोड़ रुपये तय की गई है, जबकि शुद्ध बाजार उधारी 1.75 लाख करोड़ रुपये प्रस्तावित है जो 2023-24 के संबंधित आंकड़े से कम है।
मोदी सरकार भारत की आर्थिक विकास रफ्तार और तेज करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खर्च बढ़ाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में अंतरिम बजट पेश करने इसका ऐलान किया। उन्होंने बजट भाषण में बताया कि सरकार वित्त वर्ष 2024-25 में शुरू की जाने वाली बड़ी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के लिए आवंटन बढ़ाकर 11.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11.1 प्रतिशत अधिक है। जानकारों का कहना है कि यह बड़ा ऐलान है। देश का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होने से निवेश बढ़ेगा जो जीडीपी की रफ्तार तेज करने का काम करेगा।
आर्थिक वृद्धि और समावेशी विकास पर जोर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 में आर्थिक वृद्धि और समावेशी विकास पर जोर देते हुए राजकोषीय सुदृढ़ीकरण पथ पर बने रहने का फैसला किया। वित्त मंत्री ने आर्थिक विकास दर को आगे बढ़ाने के लिए बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सरकार के पूंजीगत व्यय को बढ़ाते हुए 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत कर दिया है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में कर संग्रह में जोरदार वृद्धि के कारण यह संभव हुआ है। 2024-25 में शुरू की जाने वाली बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाकर 11.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11.1 प्रतिशत अधिक है।
बजट से उधारी कम करने की योजन
सरकार की सकल बाजार उधारी 14.13 लाख करोड़ रुपये तय की गई है, जबकि शुद्ध बाजार उधारी 1.75 लाख करोड़ रुपये प्रस्तावित है जो 2023-24 के संबंधित आंकड़े से कम है। वित्त मंत्री ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा, "सरकार द्वारा कम बाजार उधारी से निजी क्षेत्र के कॉरपोरेट्स को निवेश के लिए ऋण प्राप्त करने के लिए अधिक धन मिलेगा, इससे देश की आर्थिक वृद्धि में और तेजी आएगी।" अंतरिम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कोष भी बनाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि वह अंतरिम बजट में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कर दरों में कोई बदलाव कर रही हैं। सीतारमण ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में परिवर्तनकारी बदलाव आया है और विकास का फल बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचना शुरू हो गया है।
सबका विकास पर सरकार का जोर
उन्होंने कहा,"मोदी सरकार की समावेशी विकास और प्रगति की नीति पिछली सरकारों से जानबूझकर अलग है। सभी के लिए आवास, पानी, बिजली, बैंक खाते, रसोई गैस की व्यवस्था की गई है। 83 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त भोजन से भोजन की चिंताएं दूर हो गई हैं और वास्तविक आय बढ़ी है।" उन्होंने कहा कि सरकार सर्वांगीण विकास के साथ सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है जिससे लोगों की क्षमता में सुधार होगा और वे सशक्त होंगे। उन्होंने कहा, "सामाजिक न्याय एक आवश्यक मॉडल है और सरकार का संतृप्ति दृष्टिकोण कार्रवाई में धर्मनिरपेक्षता को दर्शाता है जो भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को रोकता है। सभी के लिए अवसर। सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रणालीगत असमानता को संबोधित किया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि सरकार के समर्थन के लिए चार क्षेत्रों को सशक्त बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है इसमें गरीब, महिलाएं, युवा और किसान शामिल हैं।