मिडिल क्लास लोगों को अपना घर खरीदने का सपना जल्द पूरा होगा। सरकार नई हाउसिंग स्कीम पर तेजी से काम कर रही है। आवास और शहरी मामलों के सचिव मनोज जोशी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार मध्यम वर्ग के लोगों को अपना घर खरीदने या बनाने में मदद करने के लिए नई हाउसिंग स्कीम पर तेजी से काम कर रही है।’ रियल एस्टेट कंपनियों का शीर्ष निकाय नारेडको के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के विकसित राष्ट्र बनने और 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने में रियल एस्टेट महत्वपूर्ण है।
इस तरह सस्ते घर उपलब्ध कराने की तैयारी
जोशी ने कहा कि हमारे पास अफोर्डेबल हाउसिंग (सस्ते घर) की कमी है। इसके लिए केंद्र सरकार की प्राथमिकता राज्यों और शहरी स्थानीय अधिकारियों के साथ काम करना है ताकि शहरी नियोजन प्रक्रिया के तहत बड़े संख्या में सस्ते घर बनाए जा सके। इसके लिए डेवलपर्स को अपने प्रोजेक्ट में कम से कम से कम 15 प्रतिशत या अधिक सस्ते घर बनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राज्यों को 20,000 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।
इसके तहत टाउन प्लानिंग योजना को अपनाना, शहरी योजनाकारों को काम पर रखना और बिल्डिंग बायलॉज को इस तरह से बदलना कि घर की लागत कम हो। रियल एस्टेट जानकारों का कहना है कि सरकार की ओर से किए जा रहे पहल से घर की कीमत कम करने में मदद मिलेगी। इसका फायदा मिडिल क्लास यानी कम आय वर्ग को होगा। सरकार की ओर से अफोर्डेबल हाउसिंग को प्रोत्साहन देने से आम लोगों के लिए घर खरीदना आसान होगा।
शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने पर सरकार का जोर
जोशी ने कहा कि शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरी आवास का निर्माण आर्थिक वृद्धि के लिहाज से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में सरकार शहरी नियोजन पर काफी ध्यान दे रही है। इसमें सुधार के लिए राज्यों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सचिव ने कहा कि कई राज्यों ने सुधार किए हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में गुजरात द्वारा किए गए अच्छे कामों का उल्लेख किया। अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग के लिए मकान योजना के संदर्भ में उन्होंने कहा, “हम उस योजना पर काम कर रहे हैं।” सचिव ने किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए शहरी नियोजन सुधारों के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए सुझाव मांगे।
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