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Hindi News पैसा बिज़नेस ग्रीन रेवेल्यूशन की तैयारी में केंद्र, 35 हजार करोड़ के निवेश के साथ 1 करोड़ किसानों की बदलेगी किस्मत

ग्रीन रेवेल्यूशन की तैयारी में केंद्र, 35 हजार करोड़ के निवेश के साथ 1 करोड़ किसानों की बदलेगी किस्मत

Green Revolution: ग्रीन एनर्जी कार्यक्रम के प्रोत्साहन के लिए सरकार एक योजना चलाएगी। पीएम प्रणाम कार्यक्रम की शुरुआत केंद्र के द्वारा वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। अगले तीन वर्षों तक एक करोड़ किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए सहायता दी जाएगी।

modi government is preparing for green revolution- India TV Paisa Image Source : FILE 35 हजार करोड़ के निवेश के साथ 1 करोड़ किसानों की बदलेगी किस्मत

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट संसद में पेश कर रही हैं। उन्होंने पेट्रोलियम और ग्रीन एनर्जी के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया है। अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद कर रही इस फील्ड के लिए लद्दाख से स्कीम की शुरुआत करेगी, जिसमें 20 हजार करोड़ का खर्च आएगा। इसमें केंद्र के तरफ से 8 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। ग्रीन एनर्जी कार्यक्रम के प्रोत्साहन के लिए सरकार एक योजना चलाएगी। पीएम प्रणाम कार्यक्रम की शुरुआत केंद्र के द्वारा वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। सरकार इस योजना के तहत ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

गोवर्धन स्कीम के तहत 500 नए संयत्र स्थापित किए जाएंगे, जिसमें कुल लागत 10,000 करोड़ आएगी। बायोमास के संवर्धन के लिए राजकोषिय सहायता दी जाएगी। अगले तीन वर्षों तक एक करोड़ किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए सहायता दी जाएगी। केंद्र सरकार किसानों की लागत बढ़े इसके लिए लोन का भी आवंटन करेगी। वित्त मंत्री ने इसके लिए 20 लाख करोड़ रुपये का फंड दिया गया है। ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20,700 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।

2023-24 के बजट से पहले सरकार ने पेश किया है आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था 2023-24 में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। वहीं, भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहेगी। वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 फीसदी रही थी। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है। निजी खपत, उच्च कैपेक्स, कॉर्पोरेट बैलेंस शीट में मजबूती, छोटे व्यवसायों के लिए ऋण वृद्धि और शहरों में प्रवासी श्रमिकों की वापसी से विकास की रफ्तार तेज हुई है। क्रय शक्ति समानता (पीपीपी ) के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वहीं, विनिमय दर के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

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