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Hindi News पैसा बिज़नेस Modi 3.0 में लैंड, लेबर और कृषि सुधारों पर देना होगा जोर, तेज विकास के लिए जरूरी: CII

Modi 3.0 में लैंड, लेबर और कृषि सुधारों पर देना होगा जोर, तेज विकास के लिए जरूरी: CII

अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के बारे में आशावादी नजरिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बहुत स्पष्ट रूप से हम उम्मीद कर रहे हैं कि अर्थव्यवस्था के सभी तीन क्षेत्र - कृषि, सेवा और उद्योग अगले वर्ष अच्छा प्रदर्शन करेंगे।’’

PM Narendra Modi- India TV Paisa Image Source : PTI पीएम नरेंद्र मोदी

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने गुरुवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी 3.0 सरकार को आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए भूमि, श्रम और कृषि जैसे क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर करीब आठ प्रतिशत रहने का अनुमान है। सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि अतीत में अनेक नीतिगत हस्तक्षेपों ने अर्थव्यवस्था को ‘अधिक मजबूत स्थिति’ में पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा, “चालू वर्ष के दौरान वृद्धि दर आठ प्रतिशत पर पहुंचने की संभावना है। यह लगातार चौथा साल होगा जबकि वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक होगी।” 

निर्यात को बढ़ावा मिलेगा

पुरी ने कहा, ‘‘वृद्धि अनुमान मुख्य रूप से अधूरे सुधार एजेंडा को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने पर निर्भर करता है। इसके अलावा विश्व व्यापार की संभावनाओं में सुधार से हमारे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, निवेश और उपभोग के दोहरे इंजन अच्छा प्रदर्शन करेंगे तथा अन्य कारकों के अलावा सामान्य मानसून की उम्मीदें भी होंगी।’’ अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के बारे में आशावादी नजरिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बहुत स्पष्ट रूप से हम उम्मीद कर रहे हैं कि अर्थव्यवस्था के सभी तीन क्षेत्र - कृषि, सेवा और उद्योग अगले वर्ष अच्छा प्रदर्शन करेंगे।’’ 

मुद्रास्फीति 4-4.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी

उन्होंने कहा कि उद्योग मंडल को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 4-4.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी। सीआईआई अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पुरी ने कहा कि चिंता का विषय रहे निजी क्षेत्र का निवेश सभी क्षेत्रों में मजबूत और व्यापक है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ समय पहले निजी क्षेत्र का निवेश चिंता का विषय रहा है, लेकिन आज अच्छी खबर यह है कि यह सही दिशा में है, यह मजबूत है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 20.7 प्रतिशत तक गिर गया था और अब यह 23.8 प्रतिशत पर है, जो कोविड-पूर्व स्तर से अधिक है।’’ 

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