Gaming Industry: भारत में मोबाइल गेमिंग (Mobile Gaming) का आकार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। चार में से तीन ब्रांडों ने पिछले साल मोबाइल गेमिंग विज्ञापन में अपने निवेश में काफी वृद्धि की है। गुरुवार को एक रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, 75 प्रतिशत ब्रांड एक साल से अधिक समय से मोबाइल गेम ऐप पर विज्ञापन दे रहे हैं, जिसके कारण महामारी के बाद से गेमिंग विज्ञापन खर्च में दो गुना वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
इनमोबी के 'मोबाइल गेम एडवरटाइजिंग 2022' की रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल गेमिंग विज्ञापन में विज्ञापन खर्च (ऑन-ईयर) में 2 गुना की बढ़ोतरी देखी गई, क्योंकि मोबाइल गेमिंग पर विज्ञापन करने वाले 97 प्रतिशत मार्केटर्स ने कहा कि वे परिणामों से संतुष्ट हैं।
इनमोबी में एशिया पैसिफिक के प्रबंध निदेशक ऋषि बेदी ने कहा, "मोबाइल गेम विज्ञापन केवल एक प्रवृत्ति के रूप में विकसित हो रहा है क्योंकि दर्शकों की पहुंच बढ़ती जा रही है, विज्ञापन फॉर्मेट विविध होते जा रहे हैं और विज्ञापन बजट बढ़ता जा रहा है। समय के साथ अधिक से अधिक विज्ञापनदाता सकारात्मक परिणामों और प्रभावशाली परिणामों के कारण अपने मीडिया मिश्रण में मोबाइल गेम विज्ञापन शामिल कर रहे हैं।"
गेमिंग में दर्शकों की बड़ी संख्या
मोबाइल गेमिंग विज्ञापन का मुख्य आधार दर्शकों की बड़ी संख्या है। रिपोर्ट के अनुसार, विज्ञापनदाताओं द्वारा औसत खर्च में गेमिंग में सालाना 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा उपलब्ध कराए गए लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत में 43 करोड़ से अधिक मोबाइल गेमर्स हैं और 2025 तक यह संख्या बढ़कर 65 करोड़ हो जाने का अनुमान है।
2025 तक 3.9 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना
जैसा कि भारतीय गेमिंग बाजार 2025 तक 3.9 अरब डॉलर (मूल्य में) तक पहुंचने की ओर अग्रसर है, 40 प्रतिशत से अधिक हार्डकोर मोबाइल गेमर्स 230 रुपये प्रति माह के औसत खर्च के साथ अपने गेम के लिए भुगतान कर रहे हैं। भारत सरकार भी गेमिंग इंडस्ट्री को बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। सरकार के तरफ से कई योजनाएं भी चलाई जा रही है, जिसमें नए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। उसमें से कई सारे स्टार्टअप गेमिंग इंडस्ट्री से भी जुड़े हुए होते हैं।
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